Unlock 4 के 17वें दिन सरकार ने कहा- मृत्यु दर को एक फीसदी से नीचे लाने का लक्ष्य

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मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर सामूहिक रूप से लोगों की आवाजाही पर लागू रोक को 30 सितंबर तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। लॉकडाउन की शुरुआत से ही आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत निषेधाज्ञा 144 लगी हुयी है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोविड-19 से होने वाली मौत की दर फिलहाल, दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम (1.64) फीसदी है और सरकार का लक्ष्य इस मृत्यु दर को घटा कर एक फीसदी से भी कम करने का है। कोरोना वायरस महामारी पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में कोविड मरीजों के स्वस्थ होने की दर 78 से 79 फीसदी है। उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 से स्वस्थ होने की उच्च दर वाले गिने-चुने देशों में शामिल है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या भले अधिक हो लेकिन अस्पतालों में इलाज करा रहे कोविड मरीजों की संख्या 20 फीसदी से कम है। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड महामारी की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या यूरोप के कई देशों की तुलना में कम है। मंत्री ने कहा कि सरकार भारत में अमेरिका की तुलना में अधिक कोविड जांच करने पर विचार कर रही है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अगले साल के शुरू में कोरोना वायरस का टीका देश में तैयार हो जाने की उम्मीद है लेकिन तब तक लोगों के लिए मास्क पहनने और सुरक्षित दूरी जैसी सावधानियों का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड के मामलों में वृद्धि के बावजूद देश में मृत्यु दर का दुनिया के देशों की तुलना में कम होने का श्रेय जांच, संक्रमित लोगों को पृथक-वास में रखने, सुरक्षित दूरी जैसे उपायों को दिया जा सकता है। उन्होंने स्पेन और ब्राजील का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों में भारत की तुलना में मृत्यु दर 11 फीसदी अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में मृत्यु दर घटा कर एक फीसदी से भी कम करने का लक्ष्य रखा है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘135 करोड़ की आबादी वाले देश में हम अब 11 लाख जांच कर रहे हैं तथा जांच के संदर्भ में अमेरिका के बाद हमारा दूसरा स्थान है। यह कोविड के खिलाफ लड़ाई में एकजुट और समन्वित प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है।’’ टीके के विकास के संबंध में डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, आईसीएमआर और दवा कंपनियां मिल कर एक साथ इसकी कोशिश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं निजी तौर पर इस मामले की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा ‘‘भविष्य में टीका आ सकता है। स्थिति के प्रबंधन के लिए गहन योजना चलाई जा रही है।’’ सदन में इस दौरान ध्वनि प्रणाली में व्यवधान आने के कारण राज्यसभा सदस्यों ने कुछ सुनाई न देने की शिकायत की और मंत्री का जवाब बाधित हुआ। वह लोकसभा में आवंटित अपनी सीट से बोल रहे थे। कुछ मिनट के व्यवधान के बाद डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि फिलहाल तीन टीका अभ्यर्थी हैं जो परीक्षण के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह इसका अध्ययन कर रहा है। ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले साल के शुरू में हम देश में कोविड का टीका तैयार कर सकेंगे। इस सिलसिले में हम विश्व स्वास्थ्य संगठन और वैश्विक संगठनों से सामंजस्य एवं समन्वय कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन गिने चुने देशों में से एक है जो वायरस को अलग कर पाए हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि महामारी के देश में फैलने के बाद से ही केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ पूरे तालमेल के साथ काम कर रही है। इस अवधि में सभी निर्णय राज्य सरकारों को भरोसे में लेने के बाद किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहता हूं कि पिछले आठ माह में पूरे देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।’’ लॉकडाउन को ऐतिहासिक कदम बताते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इसने लोगों को महामारी से लड़ना सिखाया। कोरोना योद्धाओं और उनके परिवार वालों की तारीफ करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इन लोगों की जितनी सराहना की जाए, कम है। उन्होंने कहा कि कठिन आर्थिक स्थिति में भी प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 15,000 करोड़ रुपये, गरीबों के लिए पैकेज के तौर पर 1.7 लाख करोड़ रुपये और आत्मनिर्भर पहल के लिए 20 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इनके अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं के जरिये भी लोगों की मदद की गई।

कोविड-19 के 40 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके मरीजों की संख्या 40 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। इस तरह, संक्रमण मुक्त होने की दर बढ़ कर 78.64 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे अद्यतन किये गये आंकड़ों के मुताबिक देश में इलाजरत मरीजों की कुल संख्या आज की तारीख में 10 लाख के आंकड़े को पार कर गई। देश में इलाजरत मरीजों की संख्या 10,09,976 है, जो कुल मामलों का 19.73 प्रतिशत है। करीब आधे (48.45 प्रतिशत) इलाजरत मरीज महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से हैं। मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया कि कुल इलाजरत मरीजों में करीब 60 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु सहित इन पांच राज्यों से हैं। पिछले कुछ दिनों में सर्वाधिक संख्या में महाराष्ट्र में मरीज संक्रमण मुक्त हुए। उनकी संख्या 17,559 है जो स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या का 21.22 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा कि देश में लगातार दो दिन से बहुत अधिक संख्या में कोविड-19 के मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। पिछले दो दिनों में 82,000 मरीज स्वस्थ हुए और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दी गई। मंत्रालय ने कहा कि पिछले 30 दिनों में स्वस्थ होने की दर में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश में एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 97,894 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर 51 लाख से अधिक हो गई है। अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के अभी तक 51,18,253 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में 1,132 लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 83,198 हो गई। देश में कोविड-19 से मृत्यु दर 1.63 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में जिन 1,132 लोगों की मौत हुई, उनमें से सबसे अधिक 474 लोग महाराष्ट्र से थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 86, पंजाब में 78, आंध्र प्रदेश में 64, पश्चिम बंगाल में 61, तमिलनाडु में 57, कनार्टक में 55 और दिल्ली में 33 लोगों की मौत हुई।

दिल्ली में कोविड-19 के 4432 नए मामले

दिल्ली में कोविड-19 के 4432 नए मामले आने से बृहस्पतिवार को संक्रमितों की संख्या 2.34 लाख से ज्यादा हो गयी । संक्रमण से 38 और मरीजों के दम तोड़ने के साथ मृतकों की संख्या 4877 हो गयी है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक बुधवार को 60,014 नमूनों की जांच की गयी। राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर 7.38 प्रतिशत है। शहर में संक्रमितों की संख्या 2,34,701 हो गयी है। इनमें से 1,98,103 मरीज ठीक हो चुके हैं। बुलेटिन में कहा गया कि शहर में 31,721 मरीजों का उपचार चल रहा है। निषिद्ध क्षेत्र की संख्या 1670 है।

मिजोरम सरकार का बयान

मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री आर लालथंगलियाना ने भाजपा के उस दावे को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार विशिष्ट लोगों के लिए एक अलग से कोविड-19 देखभाल केन्द्र स्थापित कर ‘‘वीआईपी संस्कृति’’ को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना वायरस से ग्रस्त सभी मरीजों को इलाज की एक समान सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। उन्होंने विपक्षी पार्टी के आरोपों को ‘‘आधारहीन’’ बताया है। लालथंगलिया ने कहा, ‘‘एजल में 28 बिस्तरों वाले नये एमएलए हॉस्टल को कोविड-19 देखभाल केन्द्र घोषित किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के मामले में हमारी नजर में कोई वीआईपी नहीं है।’’ राज्य सरकार ने मंगलवार को खटला क्षेत्र में एमएलए हॉस्टल को ‘‘वीआईपी के लिए’’ कोविड-19 देखभाल केन्द्र के रूप में बताते हुए एक अधिसूचना जारी की थी। भाजपा ने आरोप लगाया था कि अलग कोविड देखभाल केन्द्र बनाकर राज्य सरकार ‘‘वीआईपी संस्कृति’’ को बढ़ावा दे रही है।

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उत्तराखंड में कोविड-19 के 1192 नए मरीज

उत्तराखंड में बृहस्पतिवार को 1192 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई जिससे महामारी से पीड़ितों का आंकड़ा बढ़कर 37139 हो गया। इसके अलावा 13 और मरीजों की महामारी से मृत्यु हो गयी। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित सर्वाधिक 430 नए मामले देहरादून जिले के हैं। जबकि नैनीताल जिले में 203, हरिद्वार में 149 और उधमसिंह नगर जिले में 117 मरीज सामने आए। प्रदेश में महामारी से मरने वालों की संख्या 460 हो चुकी है। राज्य में अब तक कुल 24810 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और उपचाराधीन मरीजों की संख्या 11,714 है। प्रदेश में कोविड 19 के 155 मरीज प्रदेश से बाहर चले गए हैं।

पश्चिम बंगाल में 60 और मरीजों की मौत

पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस से 60 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,183 पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना वायरस के 3,197 नये मामले सामने आने के बाद मामलों की कुल संख्या 2,15,580 हो गई है। इसके अनुसार बुधवार के इस महामारी से 2,948 लोग स्वस्थ हुए हैं और इस समय राज्य में 24,336 लोगों का इलाज चल रहा है। राज्य में पिछले 24 घंटे में 45,536 नमूनों की जांच की गई है।

कर्नाटक में संक्रमण के 9,366 नए मामले

कर्नाटक में कोरोना वायरस संक्रमण के 9,366 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,94,356 हो गई। वहीं 93 और लोगों की मौत के बाद इस खतरनाक वायरस की वजह से अब तक 7,629 लोगों की जान जा चुकी है। बृहस्पतिवार को 7,268 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिली है। आज सामने आए नए मामलों में से 3,799 मामले अकेले बेंगलुरु अर्बन क्षेत्र से आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन में बताया कि 17 सितंबर की शाम तक राज्य में संक्रमितों की संख्या 4,94,356 हो गई। वहीं 7,629 लोगों की मौत हुई है और अब तक 3,83,077 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। राज्य में अभी 1,03,631 लोगों का इलाज चल रहा है। यहां तय अस्पतालों में 1,02,826 मरीज पृथकवास में रखे गए हैं और उनकी हालत स्थिर है जबकि 805 आईसीयू में हैं। बुलेटिन के अनुसार कुल 93 लोगों की मौत आज हुई जिसमें से 34 लोगों की मौत बेंगलुरु अर्बन में हुई। वहीं राज्य में सबसे ज्यादा नए मामले भी बेंगलुरु अर्बन (3,799) मामले सामने आए हैं।

चालान को उच्च न्यायालय में चुनौती

एक वकील ने अकेले गाड़ी चलाने के दौरान मास्क नहीं लगाने पर किए गए चालान को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिस पर अदालत ने बृहस्पतिवार को केंद्र और आप सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) और पुलिस को नोटिस जारी कर याचिका पर उनका रुख पूछा है। इस याचिका में चालान को रद्द करने और 500 रुपये वापस देने का आग्रह किया है। साथ में याचिकाकर्ता के मानसिक उत्पीड़न के लिए 10 लाख रूपये का मुआवजा देने की फरियाद की गई है। याचिकाकर्ता सौरभ शर्मा ने दावा किया कि नौ सितंबर को वह अपनी कार से काम पर जा रहे थे। रास्ते में पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका और मास्क नहीं लगाने की वजह से 500 रुपये का जुर्माना कर दिया। हालांकि वह कार में अकेले थे। शर्मा की ओर से पेश हुए वकील के सी मित्तल ने दलील दी कि स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना स्पष्ट करती है कि अकेले कार चलाने के दौरान मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है। मंत्रालय की ओर से पेश हुए वकील फरमान अली मैग्रे ने कहा कि ऐसी अधिसूचना जारी की गई है। सुनवाई के दौरान मित्तल ने दलील दी कि डीडीएमए के दिशा-निर्देश कहते हैं कि मास्क को सार्वजनिक स्थल पर या कार्य स्थलों पर लगाना चाहिए न कि निजी गाड़ी में। डीडीएमए ने दलील दी कि दिशा-निर्देश अप्रैल और जून में जारी किए गए थे जो सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने को अनिवार्य ठहराते हैं। उच्चतम न्यायालय ने निजी गाड़ी को सार्वजनिक स्थान बताया है। उसने यह भी कहा कि उसके दिशा-निर्देशों के तहत पहली बार पृथक-वास और मास्क लगाने का नियम तोड़ने पर 500 रुपये का जुर्माना है इसके बाद हर बार उल्लंघन करने पर 1,000 रुपये का अर्थदंड है। अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 18 नवंबर को सूचीबद्ध कर दिया।

बिहार में संक्रमण से सात और लोगों की मौत

बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान सात लोगों की मौत होने से महामारी में मरने वालों की संख्या बृहस्पतिवार को 855 हो गई। राज्य में अभी तक कुल 1,64,224 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से रोहतास में दो तथा भागलपुर, बक्सर, खगडिया, नालंदा एवं पटना जिले में एक—एक व्यक्ति की मौत हुई है। राज्य मं बृहस्पतिवार शाम चार बजे तक संक्रमण के 1592 नए मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में 1,05,128 नमूनों की जांच की गयी और कोरोना वायरस संक्रमित 1465 मरीज ठीक हुए। बिहार में अब तक कुल 53,07,337 मरीजों की जांच हुई जिनमें से अबतक कुल 1,49,722 मरीज ठीक हुए हैं। बिहार में वर्तमान में 13,646 लोगों का कोविड-19 का इलाज चल रहा है। मरीजों का रिकवरी प्रतिशत 91.17 है।

त्रिपुरा में कोरोना संक्रमण के 521 नए मामले

त्रिपुरा में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 521 नए मामले सामने आए जिसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 20,699 हो गई। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पांच और मरीजों की मौत हो गई, जिसके बाद मृतकों की संख्या 222 पर पहुंच गई। अधिकारी ने कहा कि पश्चिमी त्रिपुरा जिले में कोविड-19 से 122 मरीजों की मौत हो गई। राज्य में अभी कोविड-19 के 7,498 मरीजों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 12,956 मरीज ठीक हो चुके हैं।

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कोविड-19 से 81 और लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण से 81 लोगों की मौत हुई है, जबकि 6,318 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बृहस्पतिवार शाम जारी बुलेटिन के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण से 81 लोगों की मौत के साथ राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,771 हो गई है। बुलेटिन के अनुसार, लखनऊ, कानपुर नगर और गोरखपुर में छह-छह से लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा वाराणसी और उन्नाव में पांच-पांच, महाराजगंज और मथुरा में चार-चार मेरठ, झांसी, शाहजहांपुर, बुलंदशहर और फतेहपुर में तीन-तीन, प्रयागराज, बरेली, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र, रायबरेली और ललितपुर में दो-दो तथा अलीगढ़, सहारनपुर, देवरिया, बलिया, हरदोई, गाजीपुर, बस्ती, सुल्तानपुर, बहराइच, बिजनौर, संत कबीर नगर, अमरोहा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, शामली, जालौन, औरैया तथा बागपत में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में 6318 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि की गई। लखनऊ में सबसे ज्यादा 908 मामले आए हैं। इसके अलावा कानपुर नगर में 413, प्रयागराज में 367, गाजियाबाद में 300, मेरठ में 254, गोरखपुर में 219, वाराणसी में 214 और गौतमबुद्धनगर में 206 नए मरीजों का पता लगा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में अब तक संक्रमित होने वालों की कुल संख्या 3,36,294 हो गई है। हालांकि इनमें से 2,63,288 लोग इस संक्रमण से पूरी तरह उबर चुके हैं। प्रसाद ने बताया कि राज्य में कोविड-19 से उबरने की दर 78.29% है। वहीं, सितंबर में संक्रमण की दर 4.7% दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि बुधवार को प्रदेश में 1,51,693 नमूनों की जांच की गई। प्रदेश में अब तक करीब 80 लाख 90 हजार नमूने जांचे जा चुके हैं। राज्य में इस वक्त कोविड-19 संक्रमण के उपचाराधीन मामलों की कुल संख्या 68,235 है।

गडकरी की चिकित्सकीय जांच की गई

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की बृहस्पतिवार को चिकित्सकीय जांच की गई। गडकरी कोविड-19 से संक्रमित पाये गए हैं। गडकरी के एक नजदीकी सूत्र ने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता सुबह में एक चिकित्सकीय इकाई गए थे और उनका स्वास्थ्य ठीक है। गडकरी ने बुधवार को ट्वीट कर खुद के कोविड-19 से संक्रमित होने की जानकारी दी थी। सूत्र ने बताया कि गडकरी के परिवार के अन्य सदस्यों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट निगेटिव आयी है।

विदेशों में कोरोना संक्रमित प्रवासी भारतीयों की संख्या 11,616

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में जानकारी दी कि भारतीय मिशनों के पास उपलब्ध ब्यौरे के अनुसार कोरोना संक्रमित प्रवासी भारतीयों की कुल संख्या 11,616 है। उच्च सदन में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि भारतीय मिशनों ने आवश्यकतानुसार भारतीय नागरिकों की सलामती की व्यवस्था की जिसमें भारतीय समुदाय संगठनों द्वारा की गई व्यवस्था भी शामिल है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में फंसे हुए भारतीय नागरिकों की स्क्रीनिंग एवं जांच के लिए भी व्यवस्था की गई थी ताकि वे भारत वापस जा सकें। भारत में उपचार के लिए एयर एंबुलेस के माध्यम से मरीजों को ले जाने की भी व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘10 सितंबर 2020 तक विदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित प्रवासी भारतीय नागरिकों की कुल संख्या 11,616 है।’’  मुरलीधरन ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान भारत ने 150 देशों को दवाइयों एवं चिकित्सा उपकरणों की सहायता प्रदान की है जिसमें सहायता-अनुदान के तहत 80 देशों को सहायता शामिल है।

डीएमआरसी को हुआ 1,609 करोड़ रुपये का नुकसान

आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण मेट्रो सेवाओं के बंद होने से दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को 1,609 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। लॉकडाउन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो की सेवाएं 22 मार्च से बंद हो गई थी और यह सात सितंबर से आंशिक रूप से बहाल हुईं। 12 सितंबर को मेट्रो सेवा पूरी तरह बहाल हो गई। पुरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘डीएमआरसी ने सूचित किया है कि कोविड-19 के मद्देनजर मेट्रो सेवाओं को बंद होने से उसे 1,609 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’’ उन्होंने कहा कि डीएमआरसी ने अपने कर्ज की किस्तों का भुगतान तय अवधि के मुताबिक ही किया है।

मध्य प्रदेश में संक्रमण के 2,391 नए मामले

मध्य प्रदेश में बृस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,391 नए मामले आने के साथ ही राज्य में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या 97,906 पहुंच गयी है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 33 और लोगों की मौत हुई है। राज्य में अभी तक महामारी से 1,877 लोगों की मृत्यु हुई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से इंदौर में छह, भोपाल एवं ग्वालियर में पांच-पांच, जबलपुर, सागर, नीमच, बैतूल, रीवा एवं बालाघाट में दो-दो और धार, दमोह, दतिया, छतरपुर एवं सिंगरौली में एक-एक मरीज व्यक्ति की मौत हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक संक्रमण से सबसे अधिक 479 मौत इन्दौर में हुई हैं, जबकि भोपाल में 344, उज्जैन में 84, सागर में 78, जबलपुर में 118, ग्वालियर में 96, खंडवा में 28, रतलाम 31, विदिशा में 27, बैतूल में 31, नीमच में 29 एवं खरगोन में 35 लोगों की मौत हुई हैं। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में आज कोविड-19 के सबसे अधिक 381 नये मामले इंदौर जिले में आये हैं, जबकि भोपाल में 213, ग्वालियर में 201, जबलपुर में 184 एवं खरगोन में 78 नये मामले आये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 97,906 संक्रमितों में से अब तक 74,398 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 21,631 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज को 2,863 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 7,707 निषिद्ध क्षेत्र हैं।

तमिलनाडु में 5,560 नए मामले

तमिलनाडु में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 5,560 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 5.25 लाख हो गए हैं तथा 59 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 8,618 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में बताया गया कि चेन्नई में संक्रमण के 992, कोयंबटूर में 530, सेलम में 291, चेंगलपेट में 283, तिरुवल्लूर में 239 और कांचीपुरम में 187 नए मामले सामने आए हैं और बाकी मामले राज्य के विभिन्न अन्य हिस्सों में सामने आए हैं। राज्य में संक्रमण के कुल 5.25 लाख मामले सामने आए हैं, जिनमें से चेन्नई में 1.52 लाख मामले सामने आए हैं। राज्य में इस समय 46,610 लोग उपचाराधीन हैं और कुल 4,70,192 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में बुधवार को 84,524 नमूनों की जांच की गई और कुल 62,17,923 नमूनों की जांच की जा चुकी है।

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महामारी के संबंध में अनुकूल संदेश का आह्वान

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आपात प्रमुख ने कहा है कि कोविड-19 के संदर्भ में मास्क और टीके जैसे विषयों पर वैज्ञानिक मतभदों को किसी तरह का राजनीतिक रूप नहीं दिया जाना चाहिए और सभी स्तरों पर अनुकूल संदेश का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक के बीच मास्क के प्रभाव और कोरोना वायरस रोधी टीके की उपलब्धता के समय को लेकर स्पष्ट मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर डॉक्टर मिशेल रेयान ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हमें सभी स्तरों पर अनुकूल संदेश मिले।’’ रेयान ने बृहस्पतिवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘यह कठिन मुद्दा है। जो चीज महत्वपूर्ण है, वह यह है कि सरकार और वैज्ञानिक संस्थाएं साक्ष्य की समीक्षा करें और हमें सर्वाधिक समग्र, समझने में आसान...सूचना प्रदान करें जिससे कि लोग उचित कार्रवाई कर सकें।’’ उन्होंने वैज्ञानिक संदेशों को किसी तरह का राजनीतिक रूप देने के प्रति आगाह किया। डब्ल्यूएचओ ने पूर्व में कहा है कि परीक्षणों में सबकुछ ठीक रहने पर कोरोना वायरस रोधी टीका साल के अंत तक आ सकता है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि टीका अगले महीने आ सकता है और इसके कुछ समय बाद अमेरिका में व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है। उन्होंने टीका आने में अधिक समय लगने की बात कहने वाले अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉक्टर रॉबर्ट रेडफील्ड को ‘‘भ्रमित’’ व्यक्ति करार दिया।

‘टी-सेल’’ की भूमिका उपयोगी

एक नये अध्ययन के अनुसार कोविड-19 से जूझ रहे गंभीर मरीजों के ठीक होने में ‘टी-सेल’ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। अध्ययन में कहा गया है कि टी-सेल की कम मात्रा और कमजोर प्रतिरोधी क्षमता से मरीज की स्थिति और खराब होने की आशंका रहती है। जर्नल ‘सेल’ में प्रकाशित अध्ययन में पुष्टि की गयी है कि संक्रमण के गंभीर स्तर को नियंत्रित करने और कोविड-19 से होने वाली मृत्यु दर को घटाने के लिए प्रतिरोधी क्षमता जरूरी है। अमेरिका में ‘ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्युनोलाजी’ के अग्रणी शोध लेखक शेन क्रोटे ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन में यह भी बताया गया है कि कोविड-19 के बुजुर्ग मरीजों को संक्रमण से क्यों ज्यादा खतरा है।’’ क्रोटे ने कहा, ‘‘उम्र बढ़ने पर खास वायरस के खिलाफ टी-सेल का भंडार घटने लगता है और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता से तालमेल नहीं बन पाता। बुजुर्ग लोगों के लिए कोविड-19 का संक्रमण घातक होने के पीछे यह भी एक महत्वपूर्ण वजह है।’’ अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के 50 मरीजों के खून के नमूने एकत्र किए और एंटीबॉडी, टी-सेल आदि के संबंध में विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि पूर्णतया ठीक हो चुके मरीजों में कोविड-19 को मात देने के लिए एंटीबॉडी और उपयोगी टी-सेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। हालांकि, गंभीर रूप से बीमार संक्रमितों में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी नहीं बन पायी और मददगार टी-सेल का भी साथ नहीं मिला।

-नीरज कुमार दुबे

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