दुश्मन के ड्रोनों के होश उड़ायेगा और भारतीय सुरक्षा बलों की ताकत बढ़ायेगा Vector & Scorpion Drone

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ANI

“वेक्टर और स्कॉर्पियन” ड्रोन पिछले साल पेश किया गया था और हाल ही में जम्मू और कश्मीर के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान मुख्यालय में ‘नॉर्थ टेक सिंपोजियम 2022’ के दौरान इन्हें प्रदर्शित किया गया था, जिसे सशस्त्र सेनाओं के अधिकारियों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली।

पाकिस्तान ने सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय से ड्रोन के जरिये हथियार और गोला बारूद भेजना जारी रखा हुआ है लेकिन भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तान की हर साजिश को विफल कर दे रहे हैं और अब तो सुरक्षा बलों के हाथ ऐसा ड्रोन लगने वाला है जो अकेला ही पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने लगाने में सक्षम है। “वेक्टर व स्कॉर्पियन” ड्रोन 65 किलोमीटर की ‘टेलीमेट्रिक रेंज’ के साथ भारत का सबसे लंबी दूरी का ड्रोन है। माना जा रहा है कि इस अत्याधुनिक ड्रोन को सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने से पहले जुलाई में इसका लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर परीक्षण किया जाएगा। हम आपको बता दें कि इस अत्याधुनिक ड्रोन को फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा रहा है। 

हम आपको बता दें कि ‘टू-इन-वन’ मानवरहित हवाई प्रणाली (यूएएस) एक खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) ड्रोन है, जो सैन्य और अन्य सुरक्षा बलों, दोनों को मजबूती प्रदान करता है। ड्रोन का निर्माण करने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह दुनिया भर में दुर्गम इलाकों और शहरी क्षेत्रों में सेवा में मौजूदा अधिकांश सामरिक यूएएस प्रणालियों से कहीं बेहतर प्रदर्शन करता है।

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“वेक्टर और स्कॉर्पियन” ड्रोन पिछले साल पेश किया गया था और हाल ही में जम्मू और कश्मीर के उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान मुख्यालय में ‘नॉर्थ टेक सिंपोजियम 2022’ के दौरान इन्हें प्रदर्शित किया गया था, जिसे सशस्त्र सेनाओं के अधिकारियों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। यह पहला ड्रोन है जिसकी रेंज 65 किलोमीटर है। उदाहरण के लिए, आप उधमपुर में बैठे हैं तो ड्रोन जम्मू से सीधी तस्वीरें दे सकता है। फिलहाल कोई अन्य भारतीय कंपनी आपको 65 किलोमीटर की रेंज नहीं दे सकती है।

यह ‘आईपी 66 रेटिंग’ वाला ड्रोन है। इसका मतलब है कि यह बूंदाबांदी के दौरान भी उड़ सकता है। बर्फबारी होने पर भी यह उड़ सकता है। भू-स्तर से 5,000 मीटर ऊपर तक इसका परीक्षण किया जा चुका है। जिससे यह एक विश्वसनीय ड्रोन के रूप में उभर कर आया है। अमेरिकी मरीन कोर, फ्रांसीसी पुलिस और जर्मन पुलिस इस ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं। यह किसी भी दिशा में उड़ान भर सकता है- ऊपर, आगे या नीचे... ऊर्ध्वाधर टेक-ऑफ, ऊर्जा कुशल, लंबी दूरी की, फिक्स्ड-विंग उड़ान और एक ऊर्ध्वाधर लैंडिंग के साथ वापसी कर सकता है। यह ड्रोन पूर्ण रूप से स्वचालित है। कोई पायलट या ऑपरेटर इनपुट की आवश्यकता नहीं है, इसे बस उड़ान भरनी है। खास बात यह है कि यह दो मिनट में “मिशन के लिये तैयार” हो जाता है।

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हम आपको याद दिला दें कि पाकिस्तान ने अभी एक दिन पहले ही अपनी ड्रोन साजिश के तहत एक ड्रोन भारतीय सीमा में भेजा था जिसके माध्यम से तीन चुंबकीय आईईडी गिराये गये थे। बच्चों के टिफिन के अंदर पैक किए गए आईईडी में टाइमर सेट किए गए थे। इससे पहले भी कई पाकिस्तानी ड्रोनों के माध्यम से ड्रग्स और हथियार भेजे जाने की घटनाएं सामने आई हैं। जहां तक पाकिस्तानी ड्रोन से पैदा होने वाले खतरों की बात है तो हाल ही में सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि भारत पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन का खतरा हर जगह मौजूद है। उन्होंने कहा था कि कोई भी यह नहीं कह सकता कि राजौरी या पुंछ या किसी भी भीतरी इलाके में ऐसा कोई खतरा नहीं है। बहरहाल, अब भारत को जल्द ही मिल सकता है “वेक्टर व स्कॉर्पियन” ड्रोन जोकि पाकिस्तान के मंसूबों को विफल करने में बड़ा सहायक सिद्ध हो सकता है।

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