एलियन्स सचमुच होते हैं, यही बताने के लिए मनाया जाता है ‘विश्व यूएफओ दिवस’

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विश्व यूएफओ दिवस हर साल 2 जुलाई को ऐसे ही लोगों के लिए सैलिब्रेट किया जाता है जो यह मानते हैं कि ब्रह्माण्ड में हम पृथ्वीवासी अकेले नहीं हैं बल्कि पृथ्वी के अलावा कई अन्य ग्रहों पर भी जीवन है और वहां एलियन्स बसते हैं।

बचपन में हम जो कहानियां सुनते थे उनमें अकसर दूसरी दुनिया के लोगों के काल्पनिक किस्से जुड़े होते थे और दूसरी दुनिया के उन लोगों के साथ ही हमारा बचपन का एक काल्पनिक संसार भी हमारी असल दुनिया के साथ हमारे साथ होता था। उस समय जब रात में खुले आकाश के नीचे छतों पर सोना आम बात थी तब लोग आसमान में टकटकी लगाए किस्से कहानियों में सुने एलियन्स को आसमान में देखने का प्रयास भी करते थे।

दोस्तों, देखा जाए तो कल्पनाएं एकदम कोरी नहीं होतीं वे पूर्णतः भले ही न सही आंशिक रूप से किसी सच्चाई से जुड़ी होती हैं। ऐसी ही उन धरतीवासियों की कल्पना जिन्होंने कभी अपनी दुनिया से अलग ब्रह्माण्ड में अन्य दुनिया के लोगों के होने की कल्पना की थी और जिस पर कई हॉलिवुड-बॉलिवुड फिल्में भी बन चुकी हैं, आज उनके सच होने के दावे भी किए जा रहे हैं। 

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विश्व यूएफओ दिवस हर साल 2 जुलाई को ऐसे ही लोगों के लिए सैलिब्रेट किया जाता है जो यह मानते हैं कि ब्रह्माण्ड में हम पृथ्वीवासी अकेले नहीं हैं बल्कि पृथ्वी के अलावा कई अन्य ग्रहों पर भी जीवन है और वहां एलियन्स बसते हैं जो कभी-कभार पृथ्वी पर भी आने की कोशिश करते हैं। विश्व यूएफओ दिवस इन एलियन्स और अन्य दुनिया से पृथ्वी की ओर आने वाली अज्ञात उड़न तश्तरियों या कोई ऐसी ही अन्य चीजों के पृथ्वी की ओर आने पर दृष्टि बनाए रखने को प्रेरित करता है। 

दुनिया के इतिहास में ऐसी कई घटनाएं हैं जब एलियन्स के प्लेन या उड़न तश्तरी जैसी अजीब चीजों को पृथ्वी पर आते देखे जाने का दावा किया गया है। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसी ही घटनाओं पर जिनमें दूसरी दुनिया की कुछ अज्ञात चीजों के धरती पर आने के दावे किए जा चुके हैं-

- पहली बार जर्मनी के नूरेमबर्ग में अप्रैल 1561 में आसमान में बड़े ग्लोब्स, विशालकाय क्रॉस और अजीबोगरीब प्लेट जैसी चीजें देखे जाने का दावा किया गया था। उस समय के चित्रों और लकड़ी की कटिंग से उस घटना की जानकारी मिलती है। 

- 1897 में टेक्सास के लोगों ने सिगार के आकार की कोई बड़ी चीज आसमान से आती देखी थी जो कथित तौर पर विंडमिल से टकराई थी और इससे बड़ा हादसा हुआ था। इस घटना पर कुछ लोगों ने तो यह भी कहा था कि इसके मलबे से एक ऐलियन के शव को निकाला गया था और किसी अनजान जगह पर उसे दफना दिया गया। 

- अमेरिका के न्यू मेक्सिको, रॉसवेल में 1947 को एक व्यक्ति ने क्रैश हुए प्लेन जैसी चीज का मलबा देखा। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें साफ लग रहा था कि यह स्पेसक्राफ्ट किसी दूसरी दुनिया से आया है। हालांकि एयर फोर्स ने 1994 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मलबा प्रयोग में लाए जा रहे सर्विलांस बैलूंस का था। 

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- अमेरिकी एविएटर केनेथ अर्नाल्ड 24 जून 1947 के दिन वॉशिंगटन में माउंट रेनियर के आसपास उड़ान पर थे। वहीं पहाड़ों के पास उन्होंने 9 अनचान चीजें उड़ते हुए देखी थीं। पहली बार में उन्हें कुछ समझ नहीं आया, लेकिन बाद में अध्ययन करने पर पता चला कि वे यूएफओ थे। एलियन्स के यान। अमेरिकी वायुसेना के रिकॉर्ड में यह दिन पहली बार यूएफओ देखे जाने के तौर पर दर्ज है।

- 1951 में भारत, नई दिल्ली में 15 मार्च को तब खलबली मच गई जब एक फ्लाइिंग क्लब के 25 सदस्यों ने सिगार के आकार की कोई चीज देखी, जो करीब 100 फुट लंबी थी जो अचानक कुछ देर बाद आंखों से ओझल हो गई।

- जुलाई 1952 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी.सी. के ऊपर आसमान में भी लगातार कई अनजान चीजें उड़ती देखी गईं। हालांकि बाद में इस घटना को तापमान बढ़ने से जोड़ा गया। तर्क दिया गया कि गर्म हवा कभी-कभी ऐसी सीलिंग तैयार कर देती है जिससे रेडार प्रभावित हो जाते हैं। कहा गया कि ऐसे में जमीन पर चलती कारें, टेलिफोन के खंभे जैसी चीजें हवा में हजारों फुट ऊपर दिखने लगती हैं।

- 2008 में कोलकाता में सुबह 3.30 से 6.30 बजे के बीच आसमान में तेजी से एक बड़ी चीज जाती दिखी जिसे एक हैंडीकैम से फिल्माया गया। इस अजीबोगरीब चीज से कई रंग निकलते दिखाई दिए। कई लोगों ने इसे देखा और इस यूएफओ को देखने के लिए यहां के बाइपास पर सैंकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। एक न्यूज चैनल पर इसका फुटेज भी जारी किया गया था।

यूएफओ के बारे में भूतपूर्व अमेरिकी चंद्रयात्री एडगर मिचेल का मानना है कि हमारी दुनिया के अलावा भी दुनियाएं हैं, जहां बुद्धिमान प्राणी रहते हैं और कभी-कभार पृथ्वी पर भी आते हैं। अमेरिका जैसे देशों की सरकारें यह जानती हैं, पर इस बारे में तथ्य छिपाती हैं। यह बात एडगर मिचेल ने 2008 में एक रेडियो इंटरव्यू में कही कि वे जानते हैं कि दूसरे लोक के प्राणी उड़न तश्तरी जैसी चीजों में कई बार पृथ्वी पर आ चुके हैं और हम मनुष्यों से संपर्क करने के प्रयास भी कर चुके हैं। मिचेल का कहना है कि किसी दूसरी दुनिया से आने वाले ये प्राणी इस पारंपरिक मान्यता से बहुत अलग नहीं हैं कि उनका कद छोटा, आंखें बड़ी-बड़ी और सिर भी काफी बड़ा होता है।

आज विश्व यूएफओ दिवस है। एलियंस हैं या नहीं इस पर दुनिया अभी भी असमंजस में है इसके लिए ठोस सबूतों का इन्तजार किया जा रहा है किन्तु सच यह भी है कि अज्ञात फ्लाइंग ऑब्जेक्ट जिन्हें उड़न तश्तरी या यूएफओ भी कहते हैं दावे के साथ इनके अस्तित्व से नहीं नकारा जा सकता और वैज्ञानिक भी अब एलियन्स के अस्तित्व को अस्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। प्रमुख भौतिक शास्त्री मिकियो काकू ने हाल ही में दावा किया है कि अगली सदी तक इन्सान दूसरे ग्रह के जीवों तक पहुंच सकेगा।

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न्यूयॉर्क स्थित सिटी यूनिवर्सिटी में सैद्धांतिक भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. काकू ने कहा कि रेडियो टेक्नोलॉजी की मदद से दूसरे ग्रह के जीवों की बातचीत को सुनना भी जल्द ही संभव हो सकेगा। डॉ. काकू ने हालांकि यह नहीं बताया कि धरतीवासियों और एलियन की पहली मुलाकात किस तरह की होगी। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात दोस्ताना होगी या नहीं, कहा नहीं जा सकता है। काकू का कहना है कि दूसरे ग्रह के वासियों की भाषा समझना वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चिंता का सबब होगा। वह पृथ्वी से सैंकड़ों प्रकाश वर्ष दूर होंगे, इसलिए सिर्फ उन्हें सुना जा सकेगा, उनसे बातचीत संभव नहीं होगी। एलियन्स के धरती पर आने के बारे में काकू ने कहा कि यह हॉलीवुड फिल्म ‘वॉर ऑफ वर्ल्ड’ जैसा हो सकता है। दोस्तों, धरती से आगे जहान और भी हैं, आज यूएफओ डे पर आइए हम भी अपनी दुनिया से आगे बढ़कर एलियन्स के स्वागत का इंतजार करें और कुछ कदम और उनकी दुनिया में बढ़ाने का प्रयास करें। 

-अमृता गोस्वामी

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