विश्व एड्स दिवस 2022: क्या है यह बीमारी, जानें लक्षण और बचाव

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हर साल दिसम्बर का पहला दिन एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। WHO के मुताबिक दुनियाभर में 37.9 लोग एड्स जैसी भयावह बीमारी से पीड़ित हैं। एड्स दिवस का आयोजन लोगों को इस खतरनाक बीमारी से जागरूक रखने के लिए किया जाता है।

हर साल दिसम्बर का पहला दिन एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। WHO के मुताबिक दुनियाभर में 37.9 लोग एड्स जैसी भयावह बीमारी से पीड़ित हैं। एड्स दिवस का आयोजन लोगों को इस खतरनाक बीमारी से जागरूक रखने के लिए किया जाता है। भारत में भी इस बीमारी से बहुत से लोग संक्रमित हैं। हमारे देश  में एड्स के कुल मरीजों की संख्या करीब 2.35 मिलियन है। एड्स दिवस के माध्यम से यह सन्देश दिया जाता है कि एड्स के मरीजों का सामाजिक बहिष्कार नहीं होना चाहिए बल्कि उनकी सहायता की जानी चाहिए।

एड्स के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है, जिससे यह वायरस आसानी से शरीर में फैलने लगता है। यदि शुरुआती स्टेज में इसका इलाज ना किया जाए, तो व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। सामान्यतः यह बीमारी एड्स मरीजों के इस्तेमाल किये हुए इंजेक्शन से या एड्स संक्रमित व्यक्ति का खून डोनेट करने से अथवा असुरक्षित यौन संबंध बनाने होती है।

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एड्स दिवस का इतिहास

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1 दिसंबर 1988 को एड्स दिवस मनाने की घोषणा की थी। तबसे प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। प्रतिवर्ष एड्स दिवस पर केंद्र सरकार व राज्य सरकारें लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। एड्स के संक्रमण का पहला मामला साल 1981 में सामने आया और इसका संक्रमण तेजी से फैला और लगभग 33 मिलियन लोग इसके चपेट में आ गए।

विश्व एड्स दिवस 2022 की थीम

हर साल वर्ल्ड एड्स डे के लिए एक नई थीम रखी जाती है। 2022 की थीम है 'खुद को परीक्षण में लाना एचआईवी को समाप्त करने के लिए समानता प्राप्त करना'


क्या है यह बीमारी

इस बीमारी का पूरा नाम एक्वार्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम है, यह बॉडी की इम्यून पावर को पूरी तरह से खत्म कर देता है। एड्स से पीड़ित व्यक्ति एक के बाद एक बीमारियों की गिरफ्त में आसानी से आ जाता है। अगर समय रहते इलाज कराया जाये तो बीमारी से बचा जा सकता है। लेकिन बहुत देर होने पर इलाज सम्भव नहीं है। विकसित देशों के पास भी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। ऐसे में सतर्कता और जागरूकता ही इसका उपचार है।


एड्स के लक्षण

इस बीमारी के वायरस का असर शरीर में प्रवेश करने के कुछ समय बाद देखने को मिलता है। शुरुआत में थकान होना, शरीर पर गांठे पड़ना, लगातार खुजली,उल्टी- दस्त, आसानी से किसी भी बीमारी की चपेट में आ जाना आदि लक्षण होते हैं। यदि आप में यह सब लक्षण हैं तो आप भी चिकित्सक की सलाह ले सकतें हैं।

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