World Brain Tumor Day 2025: हर साल 08 जून को मनाया जाता है विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

ब्रेन ट्यूमर को एक बड़ी बीमारी के तौर पर देखा जाता है। जब ब्रेन के आसपास मौजूद कोशिकाएं अपना डीएनए बदलने लगती हैं, तो ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ता है। ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते मामलों को देखते हुए हर साल 08 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आजकल के अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों में कैंसर और ट्यूमर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ब्रेन ट्यूमर को एक बड़ी बीमारी के तौर पर देखा जाता है। जब ब्रेन के आसपास मौजूद कोशिकाएं अपना डीएनए बदलने लगती हैं, तो ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ता है। वहीं सिर में मौजूद पिट्यूटरी ग्लैंड के साथ ही यह ट्यूमर नर्व्स में फैल सकता है। ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते मामलों को देखते हुए हर साल 08 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं।
इतिहास
जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा साल 2000 में ब्रेन ट्यूमर के मामलों की संख्या देखकर विश्व ब्रेन ट्यूमर को स्पेशल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इस दिन को हर साल 08 जून को मनाए जाने की डेट निर्धारित की गई। जिसके बाद से हर साल 08 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाने लगा।
महत्व
इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरुक करना है। जिससे कि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी को समझ सकें और इस गंभीर बीमारी के शुरूआती लक्षणों को आसानी से पहचान सकें। विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस के मौके पर जगह-जगह कैंप लगाकर सेमिनार आयोजित किए जाते हैं, जिसमें मेडिकल स्टॉफ, डॉक्टर और मरीज भी शामिल होते हैं और इस विषय पर एक-दूसरे से बात करते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
यह समस्या होने पर शरीर और दिमाग के बीच बैलेंस बनाने में समस्या हो सकती है।
ब्रेन ट्यूमर होने पर व्यवहार में बदलाव होता है और सुनने में भी कठिनाई हो सकती है।
ब्रेन ट्यूमर होने पर सोचने-समझने में समस्या होने लगती है।
इस समस्या के होने पर सिर में दर्द के अलावा आंखों की रोशनी में भी समस्या हो सकती है।
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