Diet In Asthma: अस्थमा के मरीज भूलकर भी न करें इन चीजों का सेवन, जानिए कैसी होनी चाहिए डाइट

Diet In Asthma
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अस्थमा के पेशेंट यदि स्वास्थ्य के हिसाब से लाइफस्टाइल को मैनेज करते हैं और उसी हिसाब से डाइट लेते हैं, तो इसको काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। क्योंकि जरा सी लापरवाही के कारण इनकी जान मुश्किल में पड़ सकती है।

अस्थमा यानि की दमा के मरीजों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना पड़ता है। क्योंकि जरा सी लापरवाही के कारण इनकी जान मुश्किल में पड़ सकती है। आज के समय में न सिर्फ बुजुर्ग बल्कि युवा और कम उम्र के बच्चे भी अस्थमा की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में इन लोगों को सर्दियों या फिर पॉल्यूशन में ज्यादा समस्या होने लगती हैं। अस्थमा का मुख्य कारण बढ़ता प्रदूषण और कमजोर इम्यूनिटी है। 

हांलाकि अस्थमा के पेशेंट यदि स्वास्थ्य के हिसाब से लाइफस्टाइल को मैनेज करते हैं और उसी हिसाब से डाइट लेते हैं, तो इसको काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि अस्थमा के पेशेंट को किस तरह की डाइट लेनी चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए। 

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अस्थमा के मरीज की डाइट

दाल

बता दें कि दाल हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। क्योंकि दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। अस्थमा के मरीजों कों सोयाबीन, काला चना, मूंग दाल और अन्य दालों का सेवन करना चाहिए। इससे उनके फेफड़े मजबूत होते हैं। इसलिए इन्हें अपनी डाइट में एक कटोरी दाल जरूर शामिल करना चाहिए। 

हरी सब्जियां

अस्थमा के पेशेंट को अपनी डाइट में हरी सब्जियां ज्यादा से ज्यादा शामिल करना चाहिए। हरी सब्जियों के सेवन से फेफड़ों में कफ नहीं जमा होता है और शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व और विटामिन्स मिलते हैं। वहीं इस तरह की डाइट लेने से अस्थमा अटैक आने का खतरा काफी हद तक कम होता है। 

विटामिन सी

अस्थमा के मरीज को अपनी डाइट में विटामिन सी से भरपूर फूड्स जरूर शामिल करना चाहिए। विटामिन सी से भरपूर चीजों में एंटी आक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जो फेफड़ों को सुरक्षित बनाने का काम करता है। साथ ही इससे अस्थमा अटैक का खतरा भी काफी कम होता है।

तुलसी

तुलसी में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं। साथ ही इसके सेवन से शरीर को एंटी ऑक्सीडेंट मिलता है। ऐसे में अस्थमा के मरीज रोजाना चाय में तुलसी के पत्ते डालकर इसका सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। साथ ही सीजनल बीमारियों का खतरा भी कम होता है। 

शहद दालचीनी

दमा के मरीजों के लिए दालचीनी और शहद का सेवन काफी फायदा पहुंचा सकता है। इसलिए रोजाना रात में सोने से पहले 2-3 चुटकी दालचीनी को शहद में मिलाकर इसका सेवन करने से फेफड़ों को आराम मिलता है।

इन चीजों से करें परहेज

वहीं कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं, जिनसे अस्थमा के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए दमा के पेशेंट को अपनी डाइट में पपीता, केला, चीनी, गेहूं, अंडा, सोया, चावल और दही नहीं शामिल करना चाहिए। इसके अलावा ज्यादा तली-भुनी चीजों से भी परहेज करना चाहिए। 

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