यह हैं आज की वह नारियां जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में रिकॉर्ड बनाया

These are the women of today who made records in their own area

आदमियों के प्रोफेशन माने जाने वाले काम को अपने नाजुक हाथों से बखूबी निभाती नारियां आज आगे बढ़ रही हैं। देखने से उनका यह सफर जितना आसान लगता है वास्तव में यह उतना ही कठिन होता है।

आदमियों के प्रोफेशन माने जाने वाले काम को अपने नाजुक हाथों से बखूबी निभाती नारियां आज आगे बढ़ रही हैं। देखने से उनका यह सफर जितना आसान लगता है वास्तव में यह उतना ही कठिन होता है। तो आइए उन नारियों के बारे में चर्चा करते हैं जिन्होंने पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए समाज में नए कीर्तिमान बनाए हैं।  

पहली महिला ट्रेन ड्राईवर 

सुरेख यादव भारतीय रेलवे की पहली महिला ट्रेन ड्राईवर बनी हैं। सुरेख 1988 में ट्रेन की पहली महिला चालक बनीं। इसके अलावा 8 मार्च 2011 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन इनके कॅरियर में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गयी जब वह डेक्कन क्वीन नाम की ट्रेन को पुणे से मुम्बई तक चला कर ले गयीं। इस तरह वह एशिया की पहली महिला ड्राइवर बन गयीं जिसने ट्रेन को चलाया था।  

पहली महिला ट्रक मैकेनिक

भारत की पहली महिला ट्रक मैकेनिक शांति देवी दिल्ली स्थित संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रकों की रिपेयरिंग का काम करती हैं। संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर एशिया का सबसे बड़ा ट्रक पार्किंग है। यहां एक साथ 70,000 ट्रक खड़े हो सकते हैं।

पहली महिला डीजल इंजन ड्राइवर 

मुमताज काजी न केवल भारत बल्कि एशिया की पहली महिला डीजल इंजन ड्राइवर हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए 8 मार्च 2017 को उन्हें राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। मुमताज ने जब डीजल इंजन ड्राइवर का काम करने के बारे में सोचा तो उनके घर वालों ने इसका विरोध किया है क्योंकि वह एक महिला हैं। लेकिन मुमताज काजी ने अपने पिता को इस काम के लिए मना लिया।

पहली महिला बस ड्राइवर 

दिल्ली में डीटीसी बस चलाने वाली वी सरिता देश की पहली महिला बस चालक हैं। वे तेलंगाना राज्य की हैं और फिलहाल सरोजनी नगर डिपो में काम कर रही हैं। वी सरिता कहती हैं उन्हें इस तरह का काम करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। 

पहली महिला ऑटो चालक

शीला दावरे भारत की पहली महिला ऑटो ड्राइवर हैं। अस्सी के दशक के अंत में जब उन्होंने ऑटो चलाने की बात सोची तो उनके सामने बहुत सी मुश्किलें थीं। उस समय ऑटो चलाने वाले सभी पुरुष थे जो खाकी पैंट-शर्ट पहने थे तो शीला ने सलवार-कमीज पहनने की ठानी। सलवार-कमीज पहन शीला दावरे ऑटो लेकर पुणे की सड़कों पर उतर गयीं। 

पहली महिला ट्रक ड्राइवर

ट्रक चलाते हुए तो आपने हमेशा पुरुषों को ही देखा होगा। आइए हम आपको एक महिला ट्रक ड्राइवर के बारे में बताते हैं। उस महिला ट्रक ड्राइवर का नाम योगिता रघुवंशी है जो उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। योगिता भोपाल और केरल के पलक्कड़ के बीच ट्रक चलाती हैं और उन्होंने एल.एल.बी. भी किया है।

पहली मेट्रो चालक

आरामदायक और सुरक्षित मेट्रो को वैसे तो हमेशा पुरुष ही चलाते हैं लेकिन हम आपको उन दो स्त्रियों के बारे में बताते हैं जिन्होंने मेट्रो की कमान सम्भाली है। जी हां हम बात कर रहे हैं प्राची शर्मा और प्रतिभा शर्मा की जिन्होंने 1 दिसम्बर 2016 को लखनऊ में मेट्रो चलाकर यह साबित कर दिया कि स्त्रियां पुरुषों से कम नहीं हैं। 

दिल्ली की पहली महिला इ-बाइक टैक्सी ड्राइवर 

दिल्ली की टुम्पा ने इ-बाइक टैक्सी चलाकर यह साबित कर दिया कि नारियां पुरुषों से पीछे नहीं हैं। वह इ-बाइक टैक्सी चलाकर अपने परिवार की आर्थिक सहायता करती हैं। टुम्पा कहती हैं कि उन्हें अपने काम पर गर्व है। 

-प्रज्ञा पाण्डेय

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