Recitation of Sunderkand: सावन में सुंदरकांड पाठ से खत्म होंगी सभी मुश्किलें, हनुमान जी देंगे सुख-समृद्धि का वरदान

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धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन की कई समस्याओं का अंत होता है और मन को शांति मिलती है। ऐसे में आज हम आपको सावन में सुंदर कांड के पाठ के लाभ और इसको करने के सही तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं।

भगवान शिव की उपासना के लिए सावन का महीना सबसे विशेष और पवित्र माना जाता है। सावन में लोग अपने घरों में पूजा-पाठ और अनुष्ठान करते हैं। वहीं सावन में हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करने का अच्छा मौका होता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन की कई समस्याओं का अंत होता है और मन को शांति मिलती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको सावन में सुंदर कांड के पाठ के लाभ और इसको करने के सही तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं।

सुंदरकांड पाठ का महत्व

सुंदरकांड श्रीरामचरितमानस का वह भाग है, जिसमें हनुमान जी की भक्ति, वीरता और बुद्धिमत्ता का वर्णन किया गया है। सुंदरकांड का पाठ करने से जातक के जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और व्यक्ति को शक्ति मिलती है। इसलिए अधिकतर लोग मंगलवार के दिन घर पर सुंदरकांड का पाठ करते हैं। इससे भय, रोग और कर्ज की समस्याएं कम होती हैं।

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सावन के महीने में सुंदरकांड का पाठ

सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के साथ हनुमान जी की भक्ति करने का फल कई गुना बढ़ जाता है। वहीं हनुमान जी को महादेव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है। इसलिए इस महीने हनुमान जी की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। आप सावन के महीने में हनुमान जी का आशीर्वाद पा सकते हैं।

कब और कैसे करें सुंदरकांड पाठ

हनुमान जी को मंगलवार और शनिवार का दिन समर्पित होता है। सावन में किसी भी दिन इसका पाठ किया जा सकता है।

सुंदरकांड का पाठ करने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ कपड़े पहनें और हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं।

हनुमान जी को लाल फूल, तुलसी पत्र और गुड़-चना अर्पित करें।

पूरी श्रद्धा और ध्यान से सुंदरकांड का पाठ करें।

इसके बाद आरती करें और हनुमान जी से सुख-शांति की कामना करें।

सुंदरकांड पाठ के लाभ

इसका पाठ करने से मानसिक तनाव कम होता है।

इससे घर में सुख-शांति और पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।

अगर किसी तरह के कोई काम में किसी तरह की अड़चन आ रही है, तो इस अड़चन को दूर करने के लिए आप सुंदरकांड का पाठ करा सकते हैं।

व्यापार, नौकरी और रिश्तों में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं।

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