Shree Ganesha: इन उपायों को अपनाकर प्राप्त करें विघ्नहर्ता गणेश की कृपा

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सुखकर्ता गणेश की आराधना से सभी कष्टों का निवारण किया जा सकता है। शुभ कार्यों को बिना किसी बाधा के पूर्ण करने के लिए भगवान गणेश को प्रसन्न करना अति आवश्यक होता है। माना जाता है गणपति जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं उतनी ही शीघ्रता से रुष्ट भी हो जाते हैं इसलिए श्री गणेश की आराधना पूरी श्रद्धा और पवित्र मन से करनी चाहिए।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है, जो विवेक शक्ति और बुद्धि के देवता माने जाते हैं। सभी देवताओं में भगवान गणेश को प्रथम स्थान दिया गया है इनका वाहन चूहा है और मोदक गणपति को विशेष प्रिय है। आइये जानते हैं कैसे भगवान गणेश की आराधना करके आप गणपति जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं।  

गणपति की स्थापना

एक चौकी पर लाल आसन बिछाकर गणेश जी को विराजमान करें,इसके बाद स्वस्तिवाचन करें और संकल्प करें। विघ्नहर्ता को सिंदूर अवश्य अर्पित करें। दूर्वा की माला पहनाएं और 21 जोड़े दूर्वा गणपति के चरणों में अर्पित करें। दूर्वा अर्पित करने से संकटो से मुक्ति मिलती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। चाहें तो संकष्टी चतुर्थी पर गणेश यंत्र की स्थापना करके सुख समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।  
 
गणेश जी को कैसे करें प्रसन्न
- गणपति को हल्दी मिश्रित सिंदूर अर्पित करें, यह आपको सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति कराएगा।  
- दूर्वा गणेश जी को अतिप्रिय है। गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।
- गणपति को मोदक प्रिय है, गणपति को अर्पित मोदक सबसे पहले किसी बालक को खिलाएं।   
- गणेश जी को अक्षत के रूप में भीगे हुए चावल अर्पित करें।
- गणेश जी को पीला रंग विशेष रूप से प्रिय है इनको पीले चन्दन का तिलक लगाएं और पीला चन्दन अर्पित करें।

भगवान गणेश जी के प्रिय पुष्प

गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए चमेली या पारिजात के फूल अर्पित करें या इनकी माला बनाकर गणपति को पहनाएं। लाल गुड़हल गणपति को विशेष प्रिय है, गणेश जी की पूजा में लाल गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें। इससे गणेश जी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।

गणेश जी का प्रिय मंत्र

गणपति को प्रसन्न करने के लिए बहुत से मंत्र है लेकिन गणपति का सबसे चमत्कारिक मंत्र ॐ गण गणपतये नमः है इस मंत्र के जप से श्री गणेश को अति शीघ्र प्रसन्न कर सकते हैं। यह मंत्र शुभ फलों की प्राप्ति का साधन है। इसके अलावा 'ॐ एकदंताय विद्यहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात' मंत्र के जप से भी श्री गणेश की सिद्धि प्राप्त हो सकती है। यह गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि को भी प्रसन्न करने का साधन है, इसके 108 बार जप से जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है।     

कैसे करें गणेश मंत्र का जप

सुबह शिव परिवार की पूजा करें उसके बाद 'ॐ गण गणपतये नमः' मंत्र अथवा 'ग्लौम गणपति रिधिपति' मंत्र का जप करें। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए क्रोध, मांस- मदिरा  और बुरे व्यसनों से दूर रहें,किसी का अपमान ना करें।

गणेश पूजा का महत्व
भगवान गणेश की पूजा से जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर होती है और सुख समृद्धि का आगमन होता है। चन्द्रमा की पूजा से मन और चित्त के विकार दूर होते हैं क्योकि चन्द्रमा को मन का कारक ग्रह माना जाता है यदि कुंडली में चंद्र दोष है तो भी चन्द्रमा की पूजा आपको इस दोष से मुक्ति दिलाएगी। 

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