चमत्कारी त्रिनेत्र गणेश मंदिर की सच्ची कहानी, यहां स्वयंभू प्रकट हुई थी प्रतिमा

trinetra ganesh temple
कमल सिंघी । Apr 15 2020 6:22PM

त्रिनेत्र गणेश मंदिर के बारे में रामायण में भी उल्लेख मिलता है। रामायण काल और द्वापर युग में भी यह मंदिर था। कहा जाता है कि भगवान राम ने लंका की और कूच करते समय भगवान त्रिनेत्र गणेश जी का अभिषेक इसी रुप में किया था।

राजस्थान के सवाई माधोपुर में गणेश जी का चमत्कारी मंदिर हैं, यहां भगवान गणेश की प्रतिमा स्वयंभू प्रकट हुई थी। रणथम्भौर के दुर्ग के अंदर त्रिनेत्र गणेश मंदिर कई बातों में अनूठा और चमत्कारिक मंदिर है। कहा जाता है कि यहां पहली त्रिनेत्र गणेश प्रतिमा के रुप में भगवान गणेश स्वयं विराजमान है।

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भगवान गणेश मंदिर में अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान है, दो पत्नी- रिद्दि और सिद्दि, दो पुत्र- शुभ और लाभ के साथ भगवान विराजमान हैं। मंदिर के बारे में सबसे खास बात है, यहां देश-दुनिया से आने वाले पत्र। कई जगहों से भक्त भगवान को पत्र लिखकर समस्याएं बताते हैं और उनका हल भगवान चुटकियों में कर देते हैं। वहीं भगवान को भक्त निमंत्रण-आमंत्रण पत्र भी भेजते हैं। भक्तों के घर परिवार में शुभ-मांगलिक कार्य होने पर भगवान त्रिनेत्र गणेश जी को सबसे पहले याद किया जाता है। त्रिनेत्र गणेश मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई मुराद जरुर पुरी होती है। मंदिर के नाम और पते त्रिनेत्र गणेश मंदिर, रणथम्भौर दुर्ग, सवाई माधोपुर, राजस्थान के साथ पिन कोड नंबर 322021 लिखने पर यहां पत्र पहुंच जाता है।

रामायण में भी है मंदिर का उल्लेख

इस मंदिर के बारे में रामायण में भी उल्लेख मिलता है। रामायण काल और द्वापर युग में भी यह मंदिर था। कहा जाता है कि भगवान राम ने लंका की और कूच करते समय भगवान त्रिनेत्र गणेश जी का अभिषेक इसी रुप में किया था। इसी तरह की और भी सच्ची कहानियां इस मंदिर के बारे में आज भी कही सुनी जाती है। कहा जाता है कि मंदिर का भव्य निर्माण महाराजा हमीर देव चौहान ने करवाया था। हमीरदेव और अलाउद्दीन खिलजी के बीच सन् 1299-1302 के बीच रणथम्भौर में युद्ध हुआ था। उस समय दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिलजी के सैनिकों ने दुर्ग को चारों और से घेर लिया था। हालात ठीक होने का नाम नहीं ले रहे थे, इसी बीच महाराजा को भगवान गणेश ने स्वप्न में कहा कि मेरी पूजा करो सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। इसके दूसरे दिन किले की दीवार पर त्रिनेत्र गणेश की प्रतिमा अंकित हो गई। उसके बाद हमीरदेव ने भगवान गणेश द्वारा बताई जगह पर ही मंदिर बनवाया। इसके बाद कई सालों तक चला युद्ध समाप्त हो गया। 

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कैसे जाएं त्रिनेत्र गणेश मंदिर

त्रिनेत्र गणेश मंदिर, रणथम्भौर दुर्ग, सवाई माधोपुर, राजस्थान जाने के लिए सड़क मार्ग आसान राह है। सवाई माधोपुर से 13 किलोमीटर दूरी पर ही त्रिनेत्र गणेश मंदिर का मंदिर है। मंदिर विश्व धरोहर में शामिल रणथम्भौर दुर्ग के अंदर बना हुआ है। यहां जाने के लिए रेल सेवा भी उपलब्ध होती है। साथ ही यहां सड़क मार्ग से बस या निजी वाहन से जाया जा सकता है। हवाई सेवा का उपयोग करने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर है। यहां से बस या निजी वाहन से जा सकते हैं।

- कमल सिंघी

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