22 साल बाद गोविंदा और शिल्पा शेट्टी को झारखंड हाई कोर्ट से मिली राहत, जानिए वजह

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[email protected] । Aug 9 2019 3:44PM

झारखंड उच्च न्यायालय ने अभिनेता गोविंदा और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी पर फिल्माये एक गाने के संदर्भ में निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी समन रद्द कर दिये हैं। न्यायमूर्ति ए के गुप्ता ने बृहस्पतिवार को पाकुड़ अदालत द्वारा जारी समन को खारिज करते हुए बचाव पक्ष के वकील की दलील को स्वीकार किया। बचाव पक्ष के वकील अभय मिश्रा ने उच्च न्यायालय को बताया कि फिल्में सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के तहत दिखायी जाती हैं।

रांची। झारखंड उच्च न्यायालय ने अभिनेता गोविंदा और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी पर फिल्माये एक गाने के संदर्भ में निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी समन रद्द कर दिये हैं। न्यायमूर्ति ए के गुप्ता ने बृहस्पतिवार को पाकुड़ अदालत द्वारा जारी समन को खारिज करते हुए बचाव पक्ष के वकील की दलील को स्वीकार किया। बचाव पक्ष के वकील अभय मिश्रा ने उच्च न्यायालय को बताया कि फिल्में सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के तहत दिखायी जाती हैं।

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सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सत्यापित किया और उसे प्रमाण पत्र दिया, जिसके बाद ही फिल्म रिलीज हुई है। यह भारतीय दंड संहिता के दायरे में नहीं आता है। मिश्रा ने दलील दी कि इसी कारण समन को रद्द कर देना चाहिए। एम एम तिवारी नामक एक व्यक्ति ने निचली अदालत में शिकायत दायर कर दावा किया था कि इस गीत से बिहार की छवि धूमिल हुई है। शिकायतकर्ता ने 1996 में फिल्म ‘छोटे सरकार’ की रिलीज के तुरंत अदालत में शिकायत दायर की थी और दावा किया था कि दोनों अभिनेताओं ने जिस ‘ बदले में यूपी-बिहार ले ले’ गाने पर अभिनय किया है, उससे बिहार की छवि धूमिल हुई है। झारखंड बिहार से 2000 में अलग हुआ था।

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