एयरपोर्ट बिजनेस में उतरेगी अडाणी, टाटा, जीएमआर समेत 43 कंपनियां

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रेल मंत्रालय के बयान के अनुसार इस प्रतिष्ठित रेलवे स्टेशन को ‘मल्टी मॉडल’ परिवहन केंद्र बनाने के लिये 1,642 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की गयी है। इसके तहत परिवहन के विभिन्न माध्यमों को एकीकृत किया जाएगा। कुल निर्माण क्षेत्र (बिल्ट-अप एरिया) 25 लाख वर्ग फुट है और निर्माण अवधि चार साल है।

नयी दिल्ली। मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के पुनर्विकास के लिये शुक्रवार को हुई बोली पूर्व बैठक में टाटा प्रोजेक्ट्स, अडाणी ग्रुप, लार्सन एंड टूब्रो और जीएमआर समूह समेत 43 संभावित बोली दाताओं ने भाग लिया।सीएसएमटी यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल है। रेल मंत्रालय के बयान के अनुसार इस प्रतिष्ठित रेलवे स्टेशन को ‘मल्टी मॉडल’ परिवहन केंद्र बनाने के लिये 1,642 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की गयी है। इसके तहत परिवहन के विभिन्न माध्यमों को एकीकृत किया जाएगा। कुल निर्माण क्षेत्र (बिल्ट-अप एरिया) 25 लाख वर्ग फुट है और निर्माण अवधि चार साल है। इसके ईदगिर्द रीयल एस्टेट की लागत करीब 1,433 करोड़ रुपये है।

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नीति आयोग के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ ने डिजिटल माध्यम से बोली पूर्व बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अडाणी समूह, टाटा प्रोजेक्ट्स लि., एल्डेको, जीएमआर समूह, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लि., एसएनसीएफ हब्स एड कनेक्शंस, कल्पतरू पावर ट्रांशमिशन लि. एस्सेल समूह और लार्सन टूब्रो समेत 43 संभावित बोलीदाता शामिल हुए। इसके अलावा आर्किटेक्ट (बीडीपी सिंगापुर, हफीज कांट्रैक्टर, एईसीओएम), फंड हाउस (ब्रूकफील्ड, एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट्स होल्डिंग्स), परामर्श कंपनी (जेएलएल, बोस्ट कंसल्टेंसी, केपीएमजी, पीडब्ल्यूसी, ईवाई) और ब्रिटिश उच्चायुक्त शामिल हुए। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लि. ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) आधार पर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पुनर्विकास के लिये पात्रता अनुरोध आमंत्रित किये हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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