Trump Tariffs's के बाद अब भारत की बारी, कर ली है ऐसी तैयारी, मिलेगा जैसे को तैसा वाला जवाब

भारत के नोटिस में अमेरिका के 10 फरवरी के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें 12 मार्च से सभी स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया गया था। यह मामला 30 मई को और बढ़ गया, जब ट्रम्प प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया, जो 4 जून से प्रभावी हो गया।
अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत के 9 मई के नोटिस को खारिज कर दिया है, जिसमें स्टील और एल्युमीनियम पर उच्च अमेरिकी आयात शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का प्रस्ताव दिया गया था। अमेरिका का कहना है कि उसने जो कदम उठाया है, वह उसके लिए जरूरी है। सूत्रों ने बताया कि वाशिंगटन ने कहा कि शुल्क सुरक्षा उपाय नहीं हैं और इसलिए वह इस मुद्दे पर नई दिल्ली के साथ चर्चा नहीं करेगा। इस वजह से भारत, अमेरिका से आने वाले कुछ सामानों पर ज्यादा टैक्स लगा सकता है। बताया जा रहा है कि भारत बादाम और अखरोट जैसे अमेरिकी सामानों के लिए कुछ व्यापार लाभों को निलंबित करके और अमेरिकी धातु आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाकर जवाब दे सकता है। भारत के नोटिस में अमेरिका के 10 फरवरी के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें 12 मार्च से सभी स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया गया था। यह मामला 30 मई को और बढ़ गया, जब ट्रम्प प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया, जो 4 जून से प्रभावी हो गया।
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अमेरिका द्वारा अपने घरेलू धातु उद्योग की रक्षा के लिए स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क बढ़ाने के जवाब में भारत ने 9 मई को औपचारिक रूप से विश्व व्यापार संगठन को सूचित किया कि वह 8 जून से 30 दिनों के बाद अमेरिका को दिए गए व्यापार लाभ वापस ले सकता है। भारत के नोटिस के जवाब में अमेरिका ने 22 मई को विश्व व्यापार संगठन को सूचित किया कि भारत का प्रस्तावित प्रतिशोध वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप नहीं है। वाशिंगटन ने तर्क दिया कि धातुओं पर उसके टैरिफ "सुरक्षा" उपाय नहीं थे। इन उपायों के संबंध में सुरक्षा समझौते के अनुच्छेद 8.2 के तहत रियायतों या अन्य दायित्वों को निलंबित करने के भारत के प्रस्ताव का कोई आधार नहीं है।
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आगे क्या करेगा भारत?
अमेरिका के फैसले से भारत का जितना निर्यात प्रभावित होगा, अमेरिका से उतनी रकम के ही आयात पर भारत भी टैरिफ बढ़ाएगा। भारत में पहले भी इस नियम के तहत कदम उठा चुका है। जून 2019 में भारत ने 28 अमेरिकी प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी थी। इनमें बादाम से लेकर सेब और केमिकल शामिल थे। अमेरिका ने जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ़ प्रेफरेंस (GSP) की सूची से भारत को हटा दिया था और स्टील तथा एल्युमिनियम पर टैरिफ जारी रखने की घोषणा की थी। उसी के जवाब में भारत में यह कदम उठाया था। भारत के उस जवाबी टैरिफ के कारण अमेरिका से लगभग 24 करोड़ डॉलर का आयात प्रभावित हुआ। सितंबर 2023 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाशिंगटन गए और दोनों देशों के बीच डब्ल्यूटीओ में 6 विवादों को खत्म करने पर सहमति बनी, तो उसके बाद भारत ने बढ़ा हुआ टैरिफ वापस लिया था।
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