कोरोना के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा बांस: जितेंद्र सिंह
बांस कोविड-19 के बाद के दौर में पूर्वोत्तर भारत की अर्थव्यवस्था के लिये महत्वपूर्ण होने जा रहा है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फोर लोकल’यानी स्थानीय उत्पाद के प्रति मुखर होने के आह्वान में भी इसका अहम स्थान रहेगा।
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ने इस मौके पर बांस क्षेत्र के भारत व विश्व में पूर्ण दोहन, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन के लिये ‘सृजन, प्रदर्शन और समन्वय’ का आह्वान किया। सिंह ने 70 वर्षों से उपेक्षित इस क्षेत्र की अप्रत्याशित संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि मोदी सरकार में बांस क्षेत्र की संभावनाओं को उभारने की क्षमता और इच्छाशक्ति है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के बांस संसाधनों में 40 प्रतिशत पूर्वोत्तर क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में बांस और बेंत का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद वैश्विक व्यापार में इसकी हिस्सेदारी केवल पांच प्रतिशत है। मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने बांस के प्रचार के महत्व को जिस संवेदनशीलता के साथ देखा है, वह इससे स्पष्ट होता है कि इसने सदियों पुराने वन अधिनियम में संशोधन कर देश में बांस की खेती को वन अधिनियम के दायरे से बाहर कर दिया था।The new amended law allows felling & transport of Bamboo grown in non-forest areas. This visionary decision of PM @narendramodi ji is transforming bamboo from a source of livelihood to a resource for prosperity providing huge economic opportunities.#AatmanirbharWithBamboo https://t.co/85CMXWj8L2 pic.twitter.com/h9Xcehzz0u
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) July 10, 2020
इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों के युवा सरकारी नौकरी में आरक्षण के हकदार: जितेंद्र सिंह
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा पूर्वोत्तर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने कहा था कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के साथ लाने के लिये हर संभव प्रयास किया जाएगा। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रेजिजू ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने बांस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम किया है। अब पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे इसे (बांस को) पूरे क्षेत्र के लिये समृद्धि का वाहन बनायें। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि रोजगार के बड़े अवसरों के अलावा, बांस क्षेत्र भारत में पारिस्थितिकी, औषधीय, कागज और भवन निर्माण क्षेत्रों का एक मुख्य स्तंभ हो सकता है।
अन्य न्यूज़