बढ़ते चालू खाता घाटे को काबू में रखने के लिये गैर-जरूरी आयात पर लगेगी पाबंदी

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[email protected] । Sep 15 2018 12:46PM

सरकार ने विदेशों से कर्ज लेने के नियमों में ढील देने तथा गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी लगाने का शुक्रवार को निर्णय किया। रुपये में गिरावट और बढ़ते चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगाने के इरादे से यह कदम उठाया गया है।

नयी दिल्ली। सरकार ने विदेशों से कर्ज लेने के नियमों में ढील देने तथा गैर-जरूरी आयातों पर पाबंदी लगाने का शुक्रवार को निर्णय किया। रुपये में गिरावट और बढ़ते चालू खाते के घाटे पर अंकुश लगाने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। अर्थव्यवस्था की सेहत की समीक्षा के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री को रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने स्थिति की जानकारी दी।

जेटली ने कहा कि इस निर्णय का मकसद चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश लगाना तथा विदेशी मुद्रा प्रवाह बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित करने तथा गैर-जरूरी आयात पर अंकुश लगाने का भी फैसला किया है। हालांकि, जेटली ने यह नहीं बताया कि किन जिंसों के आयात पर पाबंदी लगायी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘बढ़ते कैड के मामले के समाधान के लिये सरकार जरूरी कदम उठाएगी। इसके तहत गैर-जरूरी आयात में कटौती तथा निर्यात बढ़ाने के उपाय किये जाएंगे।

जिन जिंसों के आयात पर अंकुश लगाया जाएगा, उसके बारे में निर्णय संबंधित मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा। वह डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के नियमों के अनुरूप होगा।’’अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया 12 सितंबर को रिकार्ड 72.91 तक नीचे गिर गया था। यह आज 71.84 पर बंद हुआ। घरेलू मुद्रा अगस्त से लेकर अब तक करीब 6 प्रतिशत टूटर है। पेट्रोल और डीजल के दाम भी रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गये हैं।

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