बंगाल अभी तक नहीं अपनाया है केंद्र की नयी कृषि निर्यात नीति
कृषि विपणन विभाग में संयुक्त सचिव ए के दास ने यहां मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, नई कृषि निर्यात नीति को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार किया जाना बाकी है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से केन्द्र की नयी कृषि निर्यात नीति को स्वीकार किया जाना अभी बाकी है। राज्य के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। कृषि निर्यात नीति में वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात दोगुना कर 60 अरब डॉलर करने का लक्ष्य है। 2018 में यह निर्यात 30 अरब डॉलर था। इसमें विभिन्न उत्पादों का निर्यात प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों में विशेष निर्यात संकुलों (क्लस्टर) की स्थापना के लिए 1,400 करोड़ रुपये के निवेश का प्रावधान है।
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कृषि विपणन विभाग में संयुक्त सचिव ए के दास ने यहां मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, नई कृषि निर्यात नीति को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 17 कृषि मंडियों को ऑनलाइन राष्ट्रीय मंच- ई-नाम पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।
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उन्होंने कहा कि फल और सब्जियों तथा प्याज और आलू जैसे उत्पादों के लिए बाजार शुल्क में छूट दी गई है। पश्चिम बंगाल में 130 सुफ़ल बांग्ला बाज़ार हैं जहाँ किसानों से उपज खरीदी जाती है जहां से बड़े निगमित कंपनियां अपनी आवश्यकता के अनुरूप उत्पाद खरीद सकती हैं।
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