मंत्रिमंडल ने बाह्य अंतरिक्ष के उपयोग, खोज के लिये भारत, मंगोलिया में समझौते को मंजूरी दी

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[email protected] । Jan 8 2020 4:56PM

इस समझौते के तहत दोनों देश अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा पृथ्‍वी के बारे में जानकारियां प्राप्‍त करने के लिए दूरसंवेदी प्रणाली का उपयोग, उपग्रह संचार तथा उपग्रह आधारित दिशासूचक प्रणाली, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों की खोज,अंतरिक्ष यानों, अंतरिक्ष प्रणाली तथा भू प्रणाली का उपयोग तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल के लिए सहयोग कर सकेंगे।

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण और नागरिक उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष के इस्‍तेमाल और खोज गतिविधियों के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और मंगोलिया के बीच समझौते को बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने शांतिपूर्ण और असैन्‍य उद्देश्‍यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष के इस्‍तेमाल और वहां खोज पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते को मंजूरीदी। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार,इस समझौते पर मंगोलिया के राष्‍ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान 20 सितंबर 2019 को नयी दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर किए गए थे।

इस समझौते के तहत दोनों देश अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा पृथ्‍वी के बारे में जानकारियां प्राप्‍त करने के लिए दूरसंवेदी प्रणाली का उपयोग, उपग्रह संचार तथा उपग्रह आधारित दिशासूचक प्रणाली, अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों की खोज,अंतरिक्ष यानों, अंतरिक्ष प्रणाली तथा भू प्रणाली का उपयोग तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल के लिए सहयोग कर सकेंगे। इस उद्देश्य के लिये दोनों पक्ष एक संयुक्‍त कार्य समूह गठित कर सकेंगे जिसमें भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सदस्‍य और मंगोलिया के संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी प्राधिकरण के सदस्‍य शामिल होंगे। 

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यह कार्य समूह समझौते की व्‍यवस्‍थाएं लागू करने के तौर तरीकों और उनके लिए समय सीमा को निर्धारित करेगा । समझौते के तहत सहयोग की गतिविधियों पर होने वाले खर्च का फैसला दोनों पक्ष उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों और आवश्‍यकताओं के अनुरूप करेंगे। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस समझौते के माध्‍यम से दोनों देश अंतरिक्ष में प्रौद्योगिकी के इस्‍तेमाल के लिए संयुक्‍त गतिविधियां संचालित कर सकेंगे जो आगे चलकर मानव जाति के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। 

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