कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कम्पनियां सतर्क, लॉकडाउन से निपटने के लिए सप्लाई बढ़ाई

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मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं ऐसे में किसी भी इलाके में अचानक से लॉकडाउन लागू करना पड़ रहा है। जिसे ध्यान में रखते हुए कम्पनियों ने डिस्ट्रीब्यूटरों को इफरात मात्रा में सामान की सप्लाई करना शुरू कर दिया है।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कम्पनियां चौकन्नी हो गई हैं और वह जरूरी सामानों की लगातार सप्लाई करने में जुटी हुई हैं। बता दें कि जब केंद्र की मोदी सरकार ने पहली बार 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी तो सभी लोग अचानक से घरों से निकलकर जरूरी सामान, राशन, दवाइयां, सब्जी, फल इत्यादि एकत्रित करने में जुट गए थे। जिसका नतीजा ये रहा कि दुकानों में जरूरी सामान क सप्लाई कम हो गई थी।

बीते समय से सीख लेते हुए कम्पनियों ने डिस्ट्रीब्यूटरों के पास बड़ी मात्रा में सामान की सप्लाई करना शुरू कर दिया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि किसी भी इलाके में जरूरी सामान की कमी न हो। 

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सबसे बड़ा लॉकडाउन लगा

भारत में दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन लागू किया गया था। जिसकी शुरुआत 25 मार्च से हो गई थी। हालांकि हालात नहीं सुधरने पर लॉकडाउन की समयसीमा लगातार बढ़ाई गई। जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था को भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा और फिर सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए धीरे-धीरे पाबंदियां कम करनी शुरू कर दी थीं। फिर भी कोरोना के मामलों में कोई सुधार नहीं हुआ था और वह लगातार बढ़ रहे थे। ऐसे में राज्य अपने-अपने स्तर पर पाबंदियां लगाते रहे हैं।

मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं ऐसे में किसी भी इलाके में अचानक से लॉकडाउन लागू करना पड़ रहा है। जिसे ध्यान में रखते हुए कम्पनियों ने डिस्ट्रीब्यूटरों को इफरात मात्रा में सामान की सप्लाई करना शुरू कर दिया है। 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेस्ले के प्रवक्ता ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास स्टॉक की कमी न हो इसके लिए कम्पनी जल्दी-जल्दी माल भेज रही है। जबकि ब्रिटानिया के अधिकारी ने बताया कि जितना मुमकिन हो पा रहा है कि हम डिस्ट्रीब्यूजर्स के पास माल की अतिरिक्त सप्लाई कर रहे हैं।

दरअसल, जिन इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं वहां पर राज्य सरकार अपने हिसाब से पाबंदी लगा रही हैं। ऐसे में सप्लाई चेन पर भी काफी ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। जिसको देखते हुए कम्पनियों ने योजना बनाई और उस पर काम करना शुरू कर दिया है। ताकि डिमांड प्रभावित न हो। 

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डिमांड को पूरी करने का प्रयास जारी

एक हिन्दी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, मॉन्डेलेज इंडिया के एमडी दीपक अय्यर ने बताया कि हमने अपनी इनवेंटरी पाइपलाइन को इस हिसाब से तैयार किया है ताकि लॉकडाउन की वजह से सप्लाई में बाधा न पड़े। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन होने पर भी डिस्ट्रीब्यूजर्स के रिटेलरों के पास माल रहेगा और वह कंज्यूमर्स की तरफ से आने वाली डिमांड को पूरी कर सकेंगे।

लॉकडाउन की परिस्थिति से निपटने के लिए कम्पनियों ने योजना तो बना ली है लेकिन वह फिर भी डरे हुए हैं कि कहीं डिमांड रिकवरी न प्रभावित हो जाए। गौरतलब है कि देश में कोरोना संक्रमण के  कुल संक्रमितों की संख्या 22,15,074 हो गई। वहीं इस खतरनाक वायरस से अब तक 44,386 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित 6,34,945 लोगों का इलाज चल रहा है वहीं 15,35,743 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

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