दिल्ली सरकार कराएगी रोजगार ऑडिट, नई स्टार्टअप नीति लाने की तैयारी

Employment Audit

सिसोदिया ने कहा, ‘‘इसके लिए सरकार की प्रत्येक विभाग में रोजगार ऑडिट करवाने की योजना है। यह देश में इस तरह का पहला कदम होगा।’’

नयी दिल्ली|  दिल्ली को रोजगार के एक बड़े केंद्र के तौर पर उभारने की कोशिश में लगी केजरीवाल सरकार एक सर्वेक्षण करवाएगी जिसमें पता लगाया जाएगा कि विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं पर किए जाने वाले खर्च से कितने लोगों को रोजगार मिला है।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि यह देश में इस तरह का पहला रोजगार ऑडिट होगा जिसमें जनता के पैसे (कर से मिलने वाले राजस्व) से होने वाले कामकाज का सामान्य परिणाम भी पता चल सकेगा।

दिल्ली के वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले सिसोदिया ने कहा, ‘‘इस सदन द्वारा पारित बजट के एक-एक पैसे का हिसाब, चाहे वह पैसा शिक्षा में खर्च किया गया हो या स्वास्थ्य क्षेत्र में, सड़कें बनाने में लगाया गया हो या इमारतें, पुल, स्कूल, अस्पताल, कॉलेज में या बिजली पर खर्च हुआ हो या जल प्रणाली पर, कॉल सेंटर, कला संस्कृति आदि किसी पर भी खर्च हुआ हो...इसका पूरा लेखा-जोखा रखा जाएगा कि हर एक रुपया खर्च करने के परिणामस्वरूप कितने लोगों को रोजगार मिला।’’

सिसोदिया ने कहा, ‘‘इसके लिए सरकार की प्रत्येक विभाग में रोजगार ऑडिट करवाने की योजना है। यह देश में इस तरह का पहला कदम होगा।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली में स्टार्टअप परिवेश को मजबूत करने की खातिर दिल्ली की स्टार्टअप नीति को प्रगतिशील बनाया गया है। दिल्ली सरकार इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित करेगी, विपणन और निवेश पर मार्गदर्शन के लिए सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा।

नई स्टार्टअप नीति लागू करने खातिर बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सिसोदिया ने कहा कि इससे युवा बैंकों और निवेशकों के साथ जुड़ सकेंगे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी नगर स्थित टेक्सटाइल मार्केट को ‘बड़े कपड़ा केंद्र’ के रूप में विकसित करने की योजना है जिससे अगले पांच साल में बहुत सारे रोजगार पैदा होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के बाजार हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इसी तरह का एक रेडीमेड गारमेंट और टेक्सटाइल बाजार है गांधीनगर का। यहां का दैनिक कारोबार 100 करोड़ रुपये से अधिक का है और यह एक लाख प्रत्यक्ष और दो से तीन लाख अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर देता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसे कानूनी पहचान, अवसंरचना, पुनर्विकास करने का काम किया जाएगा, नए सेवा केंद्रों का निर्माण आदि किया जाएगा। इस कार्यक्रम के जरिए अगले पांच साल 40,000 से अधिक नए रोजगार का सृजन होगा।’’

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ‘‘स्मार्ट शहरी कृषि’’ अभियान शुरू करके अगले पांच साल में एक लाख ‘हरित’ रोजगार का सृजन करेगी। इसके तहत 25,000 ई-ऑटो शुरू किए जाएंगे, रूफटॉप (छतों पर) सौर संयंत्र लगाए जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार अगले पांच साल में कई पहलें शुरू करेगी जिससे एक लाख से अधिक हरित रोजगार का सृजन होगा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा के साथ मिलकर ‘स्मार्ट शहरी कृषि’ अभियान शुरू करेगी जिससे पोषण युक्त ऑर्गेनिक फडू की आपूर्ति बढ़ेगी और महिलाओं को घर पर रहते हुए रोजगार के अवसर मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार नई सौर नीति भी लाएगी और उसके साथ अगले पांच साल में 2,500 मेगावॉट की क्षमता वाले रूफटॉप सौर संयंत्र लगाए जाएंगे जो दिल्ली की सालाना ऊर्जा मांग का दस फीसदी है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इसके साथ सेल्स क्षेत्र में, निर्माण कामगारों, इलेक्ट्रिशियन, टेक्नीशियन और इंजीनियरों के लिए कुल 40,000 रोजगार पैदा होंगे।’’

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और खानपान उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार क्लाउड किचन के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी, खानपान के प्रमुख ठिकानों का पुनर्विकास करेगी और फूड ट्रक नीति लाएगी।

सिर्फ तैयार भोजन की आपूर्ति करने वाले रेस्टोरेंट को क्लाउड किचन कहा जाता है इनका कोई स्टोर नहीं होता है।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘क्लाउड किचन रेस्टोरेंट उद्योग का मजबूत हिस्सा हैं और प्रतिवर्ष 20 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ रहे हैं। दिल्ली में फिलहाल 20,000 से अधिक क्लाउड किचन है जो करीब दो लाख लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर और 50,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस उद्योग में अगले पांच वर्ष के भीतर 42,000 नए रोजगार अवसर पैदा हो सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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