क्रिप्टो से लेकर NPA तक, अर्थव्यवस्था को लेकर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की बड़ी बातें
एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2021 में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अगर निजी पूंजी निवेश फिर से शुरू होता है तो भारत में महामारी के बाद के परिदृश्य में काफी तेज गति से बढ़ने की क्षमता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ऐसे कई संकेतक हैं जो बताते हैं कि आर्थिक सुधार अब जोर पकड़ रहा है, लेकिन विकास को टिकाऊ बनाने और अपनी क्षमता तक पहुंचने के लिए, निजी पूंजी में निवेश को फिर से शुरू करना होगा। एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2021 में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अगर निजी पूंजी निवेश फिर से शुरू होता है तो भारत में महामारी के बाद के परिदृश्य में काफी तेज गति से बढ़ने की क्षमता है।
कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर में 56% रोज़गार
शक्तिकांत दास ने कहा कि समय-समय पर समीक्षा के बाद मौजूदा योजनाओं को उनके वास्तविक परिणामों के आधार पर चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना चाहिए, जिससे सीमित संसाधनों का अधिक कुशल आवंटन हो सके। शुरू हुई प्रत्येक नई योजना की अंतिम तिथि होनी चाहिए जो उसके परिणामों से जुड़ी हो। भारत में कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर में कुल रोज़गार 56% है, लेकिन सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में इसका योगदान 25% है। हमारे कार्यबल का एक बड़ा वर्ग कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में फंस गया है, जिससे हमारी विकास क्षमता पर असर हो रहा है।
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क्रिप्टो पर गहन चर्चा की आवश्यकता
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में अपने रुख प्रकट करते हुए कहा कि भारत में क्रिप्टो करेंसी खातों की संख्या अतिरंजित है और क्रिप्टो पर गहन चर्चा की आवश्यकता है। आरबीआई गवर्नर का ये बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल पेश करने की तैयारी में जुटी है।
बैंकों का सकल फंसा कर्ज हुआ कम
शक्तिकांत दास ने बैंकों के बही खातों के बेहतर होने का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों का सकल फंसा कर्ज जुलाई-सितंबर की तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में कम हुआ है। उन्होंने बैंकों से अपनी पूंजी प्रबंधन प्रक्रिया को बेहतर करने को भी कहा।
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