सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के चार उपक्रमों के विनिवेश के लिए बोलियां मांगी

Government invites bids for strategic disinvestment of four ventures

इसके अलावा सरकार का इरादा कोलकाता की निर्माण कंपनी ब्रिज एंड रूफ कंपनी में अपनी 99.35 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का भी है। यह कंपनी भारी उद्योग मंत्रालय के तहत आती है।

नयी दिल्ली। सरकार ने सलाहकार कंपनियों एनपीसीसी, एचएससीसी और ईपीआई में अपनी समूची हिस्सेदारी की खरीद के लिये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) से बोलियां आमंत्रित की हैं। सरकार का इरादा सभी सलाहकार सेवा कारोबार को एक इकाई के तहत लाने का है। इसके अलावा सरकार का इरादा कोलकाता की निर्माण कंपनी ब्रिज एंड रूफ कंपनी में अपनी 99.35 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का भी है। यह कंपनी भारी उद्योग मंत्रालय के तहत आती है।

बोलियां आमंत्रित करने के नोटिस के अनुसार सरकार नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनपीसीसी) में अपनी समूची 98.99 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है। इसके अलावा उसका हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉरपोरेशन (एचएससीसी) में समूची 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का इरादा है। हालांकि सरकार यह हिस्सेदारी सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को बेचना चाहती है। यह हिस्सेदारी बिक्री वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 2017-18 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप है। वित्त मंत्री ने बजट में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के विलय की मंशा जताई थी जिससे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम बनाए जा सकें।

 

एनपीसीसी, एचएससीसी और ईपीओ के लिए बोलियां 8 नवंबर तक दी जा सकती हैं। वहीं ब्रिज एंड रूफ कंपनी के लिए बोलियां देने की तारीख 11 दिसंबर तक है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने नोटिस में कहा है कि सरकार ने एनपीसीसी में अपनी समूची हिस्सेदारी के विनिवेश का सैद्धान्तिक फैसला किया है। इसमें प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिये प्रबंधन नियंत्रण का भी स्थानांतरण किया जाएगा। एनपीसीसी जल संसाधन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आती है। वहीं एचएससीसी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आती है।

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