अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुनवाई, SC ने सेबी को जांच के लिए दी 14 अगस्त तक की मोहलत
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया। पीठ ने पूंजी बाजार नियामक से 14 अगस्त तक एक अद्यतन स्थिति रिपोर्ट देने को भी कहा। सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि हम अभी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के नतीजों से निपट रहे हैं। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में एमरीएस मानदंडों का पालन न करने के मुद्दे का कुछ असर है।
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सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी से गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह पर लगे शेयर मूल्यों में हेराफेरी के आरोपों की जांच पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने अडानी मामले में न्यायमूर्ति ए एम स्प्रे समिति की रिपोर्ट सभी पक्षकारों के साथ साझा करने का आदेश दिया। उच्चतम न्यायालय अडानी हिंडनबर्ग विवाद मामले पर 11 जुलाई को करेगा सुनवाई।
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इससे पहले की सुनवाई में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने 2016 के बाद से अडानी समूह की किसी भी कंपनी की जांच नहीं की है, जैसा कि कुछ याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है। एक प्रत्युत्तर हलफनामे में बाजार नियामक ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा अपने उत्तर हलफनामे में दिए गए विवाद का हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित और/या उत्पन्न होने वाले मुद्दों से कोई संबंध नहीं है। इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं के जवाब हलफनामे में संदर्भित मामला 51 भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा वैश्विक डिपॉजिटरी रसीद जारी करने से संबंधित है।
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