आवास वित्त कंपनियों को NBFC के रूप में माना जाएगा; RBI के दायरे में आएंगी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को नियामकीय उद्देश्यों के लिए गैर वित्तीय बैंकिंग कंपनी (एनबीएफसी) की एक श्रेणी के रूप में माना जाएगा। ये कपनियां सीधे उसकी निगरानी में आएंगी। बैंक ने विज्ञप्ति में कहा कि वित्त (नंबर दो) अधिनियम 2019 के तहत राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम 1987 में संशोधन किया गया है।
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को नियामकीय उद्देश्यों के लिए गैर वित्तीय बैंकिंग कंपनी (एनबीएफसी) की एक श्रेणी के रूप में माना जाएगा। ये कपनियां सीधे उसकी निगरानी में आएंगी। बैंक ने विज्ञप्ति में कहा कि वित्त (नंबर दो) अधिनियम 2019 के तहत राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम 1987 में संशोधन किया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के बाद रिजर्व बैंक का यह निर्देश आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट 2019-20 के भाषण में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) आवास वित्त कंपनी के नियामक के रूप में काम नहीं करेगा।
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शीर्ष बैंक ने विज्ञप्ति में कहा ,"नियामकीय उद्देश्य के लिए आवास वित्त कंपनियां अब से एनबीएफसी की श्रेणी के रूप में माना जाएगा। रिज़र्व बैंक एचएफसी के लिए लागू मौजूदा नियामक ढांचे की समीक्षा करेगा और संशोधित नियम पेश करेगा। " रिजर्व बैंक संशोधित रूपरेखा जारी करने तक एचएफसी राष्ट्रीय आवास बैंक के दिशानिर्देशों का पालन करने जारी रखेंगे।
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