आईबीबीआई ने पूर्व-निर्धारित दिवाला समाधान प्रक्रिया के नियमन अधिसूचित किए

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भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने पूर्व-निर्धारित (प्री-पैक) दिवाला समाधान प्रक्रिया के नियमनों को अधिसूचित कर दिया है। दबाव वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के समाधान को ये नियमन लगाए गए हैं।

नयी दिल्ली। भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने पूर्व-निर्धारित (प्री-पैक) दिवाला समाधान प्रक्रिया के नियमनों को अधिसूचित कर दिया है। दबाव वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के समाधान को ये नियमन लगाए गए हैं। सरकार ने चार अप्रैल को एक अध्यादेश के जरिये दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन किया था। इसके तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए पूर्व-निर्धारित समाधान प्रक्रिया पेश की गई है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से एमएसएमई क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आईबीबीआई ने शुक्रवार को प्री-पैक समाधान प्रक्रिया के नियमनों को अधिसूचित कर दिया। इन नियमनों के तहत यह बताया गया है कि पूर्व-निर्धारित समाधान प्रक्रिया के तहत अंशधारकों को किस तरीके से इसे पूरा करना है। इसके अलावा इसमें विभिन्न अन्य पहलुओं मसलन पात्रता मानदंड के बारे में भी बताया गया है, जिसके जरिये समाधान पेशेवर को काम करना है।

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कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि आईबीसी में संशोधन का मकसद एमएसएमई के रूप में वर्गीकृत कॉरपोरेट लोगों के लिए एक दक्ष वैकल्पिक समाधान रूपरेखा पेश करना है। इससे समाधान की प्रक्रिया तेज और लागत दक्ष हो सकेगी। साथ ही सभी अंशधारकों के लिए अधिकतम मूल्य सुनिश्चित किया जा सकेगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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