आईएमएफ ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा, अतिरिक्त मौद्रिक सख्ती की जरूरत

IMF
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन उसे अभी और मौद्रिक सख्ती बरतने की जरूरत है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे ओलिवर गोरिंचेस ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन उसे अभी और मौद्रिक सख्ती बरतने की जरूरत है। आईएमएफ ने वर्ष 2022 के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। इसके पहले जुलाई में आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर मंगलवार को जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत ही रहने की संभावना दिख रही है।

यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है। यह दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के उम्मीद से कम रहने और बाह्य मांग में भी कमी आने की ओर इशारा करता है। आईएमएफ की रिपोर्ट जारी होने के बाद गोरिंचेस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत 2022 में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और 2023 में भी इसके मजबूती से वृद्धि करने की उम्मीद है। इस साल इसकी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने जबकि अगले साल 6.1 प्रतिशत रहने की हमें उम्मीद है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति अब भी केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से अधिक बनी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत रहने का हमें अनुमान है। अगले साल यह गिरकर 5.1 प्रतिशत पर आ सकती है। ऐसे में नीतिगत स्तर पर हमें यही लगता है कि राजकोषीय एवं मौद्रिक नीति में सख्ती जारी रहनी चाहिए।’’ इस मौके पर मुद्राकोष के शोध विभाग के प्रमुख डेनियल लेइग ने कहा कि मुद्रास्फीति को नीचे लाने के लिए अतिरिक्त मौद्रिक सख्ती बरतने की जरूरत होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़