Russia-Ukraine conflict: ये संकट है या युद्ध , जी20 घोषणा पत्र के लिए विमर्श जारी

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मेजबान भारत चाहता है कि भू-राजनीतिक तनाव को संकट या चुनौती कहा जाए, जबकि अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के मुताबिक यह युद्ध से कम कुछ भी नहीं है। संयुक्त घोषणा पत्र शनिवार शाम को जारी किया जाना है।

जी-20 देशों के नेता रूस-यूक्रेन संकट को नाम दिये जाने पर मंथन कर रहे हैं। वे इस बात पर विचार-विमर्श कर रहे हैं कि यहां चल रही जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की दो-दिवसीय बैठक के बाद जारी किए जाने वाले संयुक्त घोषणा पत्र में रूस-यूक्रेन संकट को किस नाम से संबोधित किया जाए। मेजबान भारत चाहता है कि भू-राजनीतिक तनाव को संकट या चुनौती कहा जाए, जबकि अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों के मुताबिक यह युद्ध से कम कुछ भी नहीं है। संयुक्त घोषणा पत्र शनिवार शाम को जारी किया जाना है।

सूत्रों ने कहा कि भारत तटस्थ शब्द को शामिल करने के लिए आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने पिछले दो दिनों में संयुक्त घोषणा पत्र की पर चर्चा की और ऐसा लगता है कि बहस लंबी खिंच सकती है। भारत ने रूस की न तो सीधे निंदा की है और न ही उसका पक्ष लिया है। लेकिन, दोनों देशों के बीच पिछले एक साल में व्यापार तेजी से बढ़ा है। रूस ने भारत को घटी दरों पर कच्चा तेल मुहैया कराया है। अमेरिका और फ्रांस के अधिकारियों ने मास्को को युद्ध के लिए दोषी ठहराया है।

अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि रूस द्वारा युद्ध खत्म करना वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। फ्रांसीसी वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायेर ने कहा कि जी-20 बाली में पिछले शिखर सम्मेलन में संयुक्त बयान से पीछे नहीं हट सकता है। इससे पहले इंडोनेशिया के बाली में नवंबर 2022 में आयोजित हुए अंतिम जी20 शिखर सम्मेलन की संयुक्त घोषणा में कहा गया था, अधिकतर सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की दृढ़ता से निंदा की। इसमें आगे कहा गया था कि हालांकि कुछ सदस्य देशों के हालात और प्रतिबंधों को लेकर अलग विचार थे।

गौरतलब है कि रूस भी जी-20 का हिस्सा है और वह यूक्रेन पर अपने आक्रमण को विशेष सैन्य अभियान कहता है। रूसी वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव और केंद्रीय बैंक के गवर्नर एलविरा नबीउलीना ने भारत में जी20 बैठक में भाग नहीं लिया। बैठक में रूस का प्रतिनिधित्‍व अन्य अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। चीन का प्रतिनिधित्व उसके वित्त मंत्री लियू कुन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया। फ्रांस के वित्त मंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात से सहमत हैं कि यह युद्ध करने का वक्त नहीं है। मोदी ने अपने उद्घाटन सत्र के भाषण में युक्रेन युद्ध का जिक्र नहीं किया और सिर्फ इतना कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस समय कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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