आप भी कर रहे हैं Mobikwik ऐप का इस्तेमाल? अब देना होगा इसका चार्ज
mobikwik के अधिकारियों के मुताबिक, रखरखाव शुल्क के डेबिट होने और लेनदेन करने के बाद भी वॉलेट को फिर से एक्टिव कराता है तो यह पैसे वापस हो जाएंगे।
भारतीय बाजार में पहली बार ई-वॉलेट mobikwik अब उपभोक्ताओं से 100 रुपये से 140 रुपये के बीच "वॉलेट रखरखाव शुल्क" चार्ज करेगा। अगर यूजर सात दिन की नोटिस के अंदर अपने वॉलेट को एक्टिव नहीं करते हैं तो लेवी किक करेगा। टीओआई की खबर के मुताबिक, यह निति रविवार शाम को चालू की गई है, हालांकि इस अपडेट की यूजर्स काफी आलोचना भी कर रहे हैं। mobikwik के अधिकारियों के मुताबिक, रखरखाव शुल्क के डेबिट होने और लेनदेन करने के बाद भी वॉलेट को फिर से एक्टिव कराता है तो यह पैसे वापस हो जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, यह तय करना ई-वॉलेट्स पर निर्भर करता है कि क्या वह एक्टिव वॉलेट के लिए यूजर से शुल्क लेना चाहते हैं, लेकिन एक उपभोक्ता अभी भी नियामक से शिकायत कर सकता है क्योंकि यह नीतिव तब नहीं आई थी जब यूजर वह इस ऐप में शामिल हुए थे।
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पिछले साल मोबिक्विक में भुगतान के व्यवसाय के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाए गए चंदन जोशी ने कहा, “यदि आप ऐप में वापस नहीं आते हैं और लॉग इन करते हैं तो भी हम आपसे शुल्क लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी यूजर के पास अपने मोबिक्विक वॉलेट में केवल 50 रुपये बचे हैं, तो कंपनी इतना ही कटौती कर पाएगी। लेकिन अगर किसी यूजर के वॉलेट में 200 रुपये हैं, तो शेष राशि 100 रुपये तक गिर जाएगी। पेटीएम और फोनपे बड़े ई-वॉलेट खिलाड़ी हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी अपने एक्टिव यूजर के लिए अभी तक ऐसा कोई शुल्क लागू नहीं किया है।
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बता दें कि mobikwik में लगभग 100 मिलियन उपयोगकर्ता होने का दावा है लेकिन उद्योग के सूत्रों का अनुमान है कि प्लेटफार्मों में 70-80 मिलियन एक्टिव ई-वॉलेट यूजर हैं। ई-वॉलेट यूजर का एक हिस्सा भी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसे भुगतान उपकरणों पर चला गया है, जो पहले वॉलेट में पैसे लोड किए बिना एक बैंक खाते से दूसरे में सीधे पैसे ट्रांसफर करता है।
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