अब गांव का डाकघर भी होगा स्मार्ट! इंडिया पोस्ट ने शुरू की 5800 करोड़ की नई एडवांस्ड पोस्टल तकनीक

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अंकित सिंह । Aug 22 2025 12:54PM

डाक प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित यह प्रणाली सरकार के मेघराज 2.0 क्लाउड पर चलती है और बीएसएनएल की राष्ट्रव्यापी कनेक्टिविटी द्वारा समर्थित है। सिंधिया ने कहा कि यह परियोजना भारतीय डाक को एक विश्वस्तरीय सार्वजनिक रसद संगठन में बदल देगी।

भारतीय डाक ने घोषणा की कि उसने आईटी 2.0 उन्नत डाक प्रौद्योगिकी (एपीटी) के राष्ट्रव्यापी शुभारंभ के साथ डिजिटल परिवर्तन के एक नए युग में प्रवेश किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस पहल को डिजिटल इंडिया की दिशा में भारतीय डाक की यात्रा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। यह उन्नत डाक प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म देश के 1.65 लाख डाकघरों में से प्रत्येक में तेज़, अधिक विश्वसनीय और नागरिक-अनुकूल डाक और वित्तीय सेवाएँ लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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डाक प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित यह प्रणाली सरकार के मेघराज 2.0 क्लाउड पर चलती है और बीएसएनएल की राष्ट्रव्यापी कनेक्टिविटी द्वारा समर्थित है। सिंधिया ने कहा कि यह परियोजना भारतीय डाक को एक विश्वस्तरीय सार्वजनिक रसद संगठन में बदल देगी। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत का एक उदाहरण बताया - जो अत्याधुनिक तकनीकी समाधानों के निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। यह नई प्रणाली कई अगली पीढ़ी की सुविधाएँ प्रदान करती है, जिनमें एकीकृत इंटरफ़ेस, क्यूआर-कोड-आधारित भुगतान, ओटीपी-आधारित डिलीवरी और सटीकता में सुधार के लिए 10-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक DIGIPIN शामिल हैं।

आपको बता दें कि एडवांस पोस्टल टेक्नोलॉजी को आईटी 2.0 प्रोग्राम के तहत 5800 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित किया गया है। इसके बाद आपके गांव का डाकघर अमेजन से भी ज्यादा स्मार्ट हो जाएगा। यह बुकिंग से लेकर डिलीवरी तक, सभी के लिए संपूर्ण डिजिटल समाधान भी प्रस्तुत करता है, जिससे एक खुले नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से बेहतर दक्षता और मज़बूत ग्रामीण कनेक्टिविटी सुनिश्चित होती है। इसकी शुरुआत चरणबद्ध तरीके से की गई, जिसकी शुरुआत मई-जून 2025 में कर्नाटक डाक सर्कल में एक पायलट प्रोजेक्ट के साथ हुई। प्रारंभिक अनुभवों के साथ प्लेटफ़ॉर्म को और बेहतर बनाने के बाद, इस परियोजना का देशव्यापी विस्तार हुआ और 4 अगस्त तक यह सभी 23 डाक सर्कलों में फैल गई।

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आज, डाकघरों, डाक कार्यालयों और प्रशासनिक इकाइयों सहित 1.70 लाख से ज़्यादा कार्यालय APT सिस्टम पर लाइव हैं। इस बदलाव की तैयारी के लिए, इंडिया पोस्ट ने कैस्केड प्रशिक्षण मॉडल के तहत 4.6 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया, जिससे हर स्तर पर इसे आसानी से अपनाया जा सके। इस प्रणाली ने एक ही दिन में 32 लाख से ज़्यादा बुकिंग और 37 लाख डिलीवरी करके अपनी व्यापकता और विश्वसनीयता साबित कर दी है। आईटी 2.0 के अब पूरी तरह से चालू होने के साथ, भारतीय डाक ने एक आधुनिक, तकनीक-संचालित सेवा प्रदाता के रूप में अपनी स्थिति को और पुष्ट किया है और साथ ही अपने विश्वास और बेजोड़ पहुँच की विरासत को भी जारी रखा है।

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