ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी हुई डबल, दुनिया की सर्विस फैक्ट्री बनकर उभरा देश
बीते 18 वर्षों में भारत की हिस्सेदारी ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट मे दोगुणी हुई है। ये रिपोर्ट सोमवार को जारी हुई है, जिसमें कहा गया कि ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स ने इस एक्सपेंशन में काफी अहम भूमिका निभाई है।
भारतीय सर्विस सेक्टर तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ता जा रहा है। इसकी पुष्टि अब एक इंटरनेशनल रिपोर्ट ने भी कर दी है। हाल ही में एक ऐसी रिपोर्ट आई है जिससे ये साबित हुआ है कि भारत का सर्विस सेक्टर तेजी से उपलब्धियां हासिल कर रहा है। ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी दोगुणी हो चुकी है।
ये रिपोर्ट गोल्डमैन सैक्स ने जारी की है, जिसके अनुसार बीते 18 वर्षों में भारत की हिस्सेदारी ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट मे दोगुणी हुई है। ये रिपोर्ट सोमवार को जारी हुई है, जिसमें कहा गया कि ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स ने इस एक्सपेंशन में काफी अहम भूमिका निभाई है। इसकी मदद से देश में रियल एस्टेट, सेवाओं के निर्यात में विस्तार हुआ है। कई कंपनियों का राजस्व बढ़ा तो युवाओं के लिए नौकरियों के कई अवसर भी लाई है। भारत की आर्थिक स्थिति में भी इजाफा हुआ है।
ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स कंपनियों द्वारा स्थापित की गई है। इसमें सेंटर बिजनेस को आगे ले जाते है। इसमें आईटी, ह्यूमन रिसोर्स, फाइनेंस, एनालिटिक्स व अन्य कारकों को शामिल किया जाता है। वहीं गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स की ग्रोथ बीते 13 वर्षों में 11.4 फीसदी की सीएजीआर की रफ्तार से बढ़ी है और इसका स्तर 46 बिलियन डॉलर हो गया है। इसमें चार गुणा का इजाफा भी देखने को मिला है।
इस दौरान ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स की संख्या भी बढ़कर दोगुणी हुई है। इनकी संख्या जो पहले 700 हुआ करती थी अब वो 1580 पर पहुंच गई है। इस सेक्टर में कुल 13 लाख कर्मचारी भी शामिल हुए है। कर्मचारियों की बढ़ती संख्या से भी इसके विकास की रफ्तार का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं अब कुल कर्मचारियों की संख्या भी बढ़कर 17 लाख तक पहुंच गई है।
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