वैश्विक पोत पुनर्चक्रण कारोबार में 60 प्रतिशत पर पहुंचेगी भारत की हिस्सेदारी: मंडाविया
अभी भारत वैश्विक स्तर पर दुनिया में वार्षिक आधार पर नष्ट किए जाने वाले 1,000 जहाजों में से 300 को रिसाइकिल करता है। इस बारे में वैश्विक संधि का अनुमोदन नहीं किए जाने की वजह से जापान, यूरोप और अमेरिका जैसे अभी अपने जहाजों को रिसाइक्लिंग के लिए भारत नहीं भेजते हैं।
नयी दिल्ली। नया कानून आने के बाद भारत वैश्विक पोत पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग) कारोबार में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री स्वतंत्र प्रभार मनसुख लाल मंडाविया ने साक्षात्कार में कहा कि भारत युद्धपोत और अन्य जहाजों के लिए प्रमुख रिसाइक्लिंग गंतव्य के रूप में उभर सकता है। मंडाविया ने उम्मीद जताई कि पोत रिसाइक्लिंग गतिविधियों की देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी बढ़कर 2.2 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी, जो मौजूदा स्तर से दोगुना होगी। मंडाविया ने कहा कि गुजरात का अलांग दुनिया का सबसे बड़ा शिपयार्ड है। यह देश में जहाजों की रिसाइक्लिंग की बढ़ती संख्या को पूरा करने के लिए तैयार है।
Inaugurated ‘Vibrant Kutch’ organised by JITO (Jain International Trade Organisation) at Gandhidham, Kutch. Delivered keynote address and highlighted govt's initiatives and excellent investment opportunities in Gujarat State. pic.twitter.com/m0AREvmpOx
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 20, 2019
अभी भारत वैश्विक स्तर पर दुनिया में वार्षिक आधार पर नष्ट किए जाने वाले 1,000 जहाजों में से 300 को रिसाइकिल करता है। इस बारे में वैश्विक संधि का अनुमोदन नहीं किए जाने की वजह से जापान, यूरोप और अमेरिका जैसे अभी अपने जहाजों को रिसाइक्लिंग के लिए भारत नहीं भेजते हैं। हालांकि, सरकार मानना है कि पोत पुनर्चक्रण अधिनियम, 2019 से इस परिदृश्य में बदलाव आएगा। इस कानून ने हांगकांग संधि को अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत जहाजों की पर्यावरणनुकूल पुनर्चक्रण प्रक्रिया और पोत कारखाने में काम करने वालों के लिए पर्याप्त सुरक्षा का प्रावधान है। मंत्री ने कहा, ‘‘अमेरिका और कुछ अन्य देश अभी अपने जहाजों को भारत में पुर्नचक्रण के लिए नहीं भेजते, लेकिन अब हमने हांगकांग संधि को अनुमोदित कर लिया है। ऐसे में अब हमें उम्मीद है कि पुनर्चक्रण के लिए आने वाले जहाजों की संख्या बढ़ेगी।’’
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उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर जहाजों के पुनर्चक्रण का 90 प्रतिशत भारत, बांग्लादेश, चीन और पाकिस्तान में होता है। इसमें भारत की हिस्सेदारी अभी 30 प्रतिशत है। हमें इसके बढ़कर 60 प्रतिशत पर पहुंच जाने की उम्मीद है। मंडाविया ने कहा कि दुनिया भर में 53,000 व्यापारिक जहाज हैं। इनमें से 1,000 को हर साल रिसाइकिल किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश में अधिक जहाज रिसाइक्लिंग के लिए आने लगेंगे, तो जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी भी बढ़कर 2.2 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगी, जो अभी 1.3 अरब डॉलर है।
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