झारखंड ने बिजली दर में 7.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी की

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जेएसईआरसी के एक बयान में कहा कि नई दरों के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं को 5.80 रुपये की जगह 6.30 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा, जबकि शहरी उपभोक्ताओं को 6.30 रुपये की जगह 6.65 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा।

रांची। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) ने बुधवार को राज्य में बिजली दर में 7.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। जेएसईआरसी के एक बयान में कहा कि नई दरों के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं को 5.80 रुपये की जगह 6.30 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा, जबकि शहरी उपभोक्ताओं को 6.30 रुपये की जगह 6.65 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा। 

संशोधित शुल्क दर एक मार्च से प्रभावी होगी। इसमें कहा गया है कि सरकार सब्सिडी देना जारी रखेगी, जिसमें घरेलू ग्राहकों के लिए 125 यूनिट मुफ्त बिजली और 400 यूनिट तक विभिन्न सब्सिडी स्लैब के माध्यम से राहत शामिल है। जेबीवीएनएल (झारखंड बिजली वितरण निगम लि.) के 39.71 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव के बावजूद, आयोग ने गौर करते हुए 7.66 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी। बयान में कहा गया है कि ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए निश्चित शुल्क में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जबकि शहरी उपभोक्ताओं के लिए स्थिर शुल्क अपरिवर्तित रखा गया है। 

इसके अतिरिक्त, उत्पादन के पांच दिनों के भीतर भुगतान किए गए बिलों पर दो प्रतिशत की छूट का प्रस्ताव है। आयोग ने छत पर सौर पीवी परियोजनाओं के लिए टैरिफ को सकल मीटरिंग के लिए 4.16 रुपये/किलोवाट और नेट मीटरिंग के लिए 3.80 रुपये/किलोवाट पर अपरिवर्तित रखा है। झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने संवाददाताओं से कहा कि 100 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से लगभग 20 लाख लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘मुफ्त बिजली की सीमा बढ़ाकर 125 यूनिट करने से करीब 30 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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