माल्या का पासपोर्ट रद्द कराना चाहता है प्रवर्तन निदेशालय

शराब कारोबारी विजय माल्या की बढ़ती परेशानी के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले की मनी लांड्रिंग जांच में सहयोग न करने के आरोप में उनका पासपोर्ट निरस्त किये जाने के लिए लिखा है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर पासपोर्ट कानून, 1967 के तहत माल्या के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रवर्तन निदेशालय ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) को संकटग्रस्त उद्यमी के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की मांग की है क्योंकि माल्या जांचकर्ताओं को सहयोग नहीं दे रहे हैं।
ईडी का मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय माल्या के खिलाफ मनी लांड्रिंग कानून के तहत आरोपों की जांच कर रहा है। समझा जाता है कि माल्या 2 मार्च को अपने राजनयिक पासपोर्ट के जरिये ब्रिटेन चले गए। राज्यसभा का सदस्य होने की वजह से उन्हें इस प्रकार का पासपोर्ट जारी किया गया है। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने माल्या का पासपोर्ट रद्द किये जाने का आग्रह करते हुए विदेश मंत्रालय को बताया है कि माल्या को एजेंसी की ओर पर पूरा अवसर दिया गया। उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए तीन बार तारीखें दी गयीं इसके बावजूद उन्होंने जांच अधिकारी (आईओ) के साथ सहयोग नहीं किया। इससे इस मामले में जांच आगे बढ़ाने में विलंब हो रहा है। पासपोर्ट कानून के तहत जब किसी व्यक्ति को राजनयिक पासपोर्ट जारी किया जाता है, उनका नियमित यात्रा दस्तावेज जमा कर लिया जाता है। जब राजनयिक पासपोर्ट को निरस्त किया जाता है तो वह दस्तावेज भी रद्द हो जाता है।
सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के आग्रह को मंजूरी के बाद विदेश मंत्रालय ब्रिटेन के अधिकारियों को इसके बारे में सूचित करेगा और उनके भारत प्रत्यर्पण का आग्रह करेगा। माल्या को ईडी ने पहले 18 मार्च को पेश होने के लिए सम्मन दिया था। उसके बाद उन्हें दो अप्रैल और नौ अप्रैल को जांच अधिकारी के सामने उपस्थित हो कर जांच में सहयोग करने को कहा गया। उन्होंने कर्ज को ले कर उच्चतम न्यायालय में चल रहे मामले का हवाला देते हुए जांच में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने में असमर्थता जताई। माल्या का पासपोर्ट रद्द होने पर ईडी सक्षम अदालत से उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आवेदन कर सकती है और इंटरपोल से उनके नाम का रेड कार्नर नोटिस जारी करा सकती है। उसके आधार पर उन्हें दुनिया में कहीं भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
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