देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी में बढ़ी, पीएमआई बढ़कर 54.9 अंक पर पहुंचा

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खरीद संबंधी गतिविधियां जारी रहने के साथ उत्पादन और नए ऑर्डर की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, हालांकि कुछ ऐसी प्रमुख चिंताएं हैं, जो वृद्धि के लिए खतरा बनी हुई हैं। कच्चे माल की कमी के कारण लागत दबाव ऊंचा बना हुआ है, जबकि आपूर्ति का समय एक बार फिर बढ़ गया।

नयी दिल्ली, उत्पादन और नए आर्डर की संख्या बढ़ने से देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी माह के दौरान बढ़ी हैं। मांग की अनुकूल स्थिति से इन गतिविधियों को समर्थन मिला है। बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह कहा गया है। आएचएस मार्किट भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) फरवरी माह में बढ़कर 54.9 अंक पर पहुंच गया। एक महीना पहले जनवरी में यह 54.0 पर था। यह क्षेत्र में मजबूत सुधार दर्शाता है। पीएमआई में आंकड़ा 50 से ऊपर रहने का अर्थ है क्षेत्र में विस्तार हुआ है जबकि 50 से नीचे रहने का मतलब इसमें गिरावट आई है। सर्वेक्षण में कहा गया कि बिक्री में निरंतर वृद्धि से फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में तेजी को बल मिला। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री श्रेया पटेल ने कहा, भारत के विनिर्माण क्षेत्र के लिए ताजा पीएमआई आंकड़ा फरवरी 2022 में कंपनियों की परिचालन स्थिति में सुधार दर्शाता है।

खरीद संबंधी गतिविधियां जारी रहने के साथ उत्पादन और नए ऑर्डर की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, हालांकि कुछ ऐसी प्रमुख चिंताएं हैं, जो वृद्धि के लिए खतरा बनी हुई हैं। कच्चे माल की कमी के कारण लागत दबाव ऊंचा बना हुआ है, जबकि आपूर्ति का समय एक बार फिर बढ़ गया। हालांकि विनिर्माताओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती बिक्री कीमतों में मामूली वृद्धि है। वहीं पिछले बकाया आर्डर की वजह से भारतीय विनिर्माताओं पर क्षमता दबाव बढ़ा है। इससे और मांग में तेजी के बावजूद रोजगार घटा है। पटेल ने हालांकि कहा कि आर्डर बढ़ने से रोजगार का स्तर इस महीने के अंत तक बढ़ेगा और इससे क्षमता पर दबाव जारी रहेगा।

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