एनसीएलएटी ने डीएलएफ मामले में प्रतिस्पर्धा आयोग को फिर से विचार करने को कहा
सीसीआई ने जांच महानिदेशक की द्वितीयक/पूरक रिपोर्ट के आधार पर डीएलएफ एवं उसकी अनुषंगी के खिलाफ दर्ज शिकायत को अस्वीकार कर दिया था। शिकायत में कहा गया था कि इस रियल एस्टेट कंपनी ने अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग किया।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ से संबंधित एक मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को रद्द करने के साथ ही उसे मामले पर फिर से गौर करने का निर्देश दिया है। दरअसल सीसीआई ने जांच महानिदेशक की द्वितीयक/पूरक रिपोर्ट के आधार पर डीएलएफ एवं उसकी अनुषंगी के खिलाफ दर्ज शिकायत को अस्वीकार कर दिया था। शिकायत में कहा गया था कि इस रियल एस्टेट कंपनी ने अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग किया। यह मामला गुरुग्राम में डीएलएफ गार्डन सिटी के सेक्टर 90 में स्थित रीगल गार्डन का है।
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एक व्यक्ति ने रियल्टी कंपनी के खिलाफ शिकायत की थी कि खरीदार-विक्रेता समझौते के कुछ खंड डीएलएफ होम डेवलपर्स के अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाने का संकेत देते हैं। शिकायतकर्ता ने सीसीआई में शिकायत करते हुए कहा था कि ये खंड बहुत ही पक्षपातपूर्ण और दोषपूर्ण हैं। हालांकि सीसीआई ने 31 अगस्त 2018 को यह मामला बंद कर दिया था क्योंकि उसने जांच में पाया था कि किसी भी तरह का उल्लंघन नहीं हुआ है। इसके बाद सीसीआई के आदेश को एनसीएलएटी में चुनौती दी गई जिसने प्रतिस्पर्धा आयोग केइस आदेश को रद्द कर दिया और मामले पर फिर से गौर करने का आदेश दिया।
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