NCLAT ने आरएचसी होल्डिंग के खिलाफ HDFC की याचिका को खारिज किया

nclat-rejects-hdfc-petition-against-rhc-holding

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अरबपति उद्यमी मालविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह द्वारा प्रवर्तित आरएचसी होल्डिंग्स कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की वित्तीय सेवा कंपनी एचडीएफसी की याचिका बुधवार को खारिज कर दी।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अरबपति उद्यमी मालविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह द्वारा प्रवर्तित आरएचसी होल्डिंग्स कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की वित्तीय सेवा कंपनी एचडीएफसी की याचिका बुधवार को खारिज कर दी।

इसे भी पढ़ें: HDFC ने NCLT से जेट मुख्यालय को दिवाला प्रक्रिया से बाहर रखे जाने की अपील की

एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायाधीश एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की प्रधान पीठ के आदेश को बरकरार रखा है। एनसीएलटी ने भी एचडीएफसी की याचिका को खारिज कर दिया था। एनसीएलएटी ने कहा कि एचडीएफसी की याचिका में उसे ‘ठोस वजह’ नजर नहीं आती और इसलिए यह सुनवाई योग्य नहीं है। एनसीएलएटी ने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), भारतीय रिजर्व बैंक की निगरानी के दायरे में आती हैं, इसलिए इस बारे में केंद्रीय बैंक से उपाय पूछने चाहिए ना कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता अदालत से।

इसे भी पढ़ें: शीर्ष दस में से नौ कंपनियों का मार्केट कैप में 82,379.79 करोड़ रुपये बढ़ा

एनसीएलटी ने छह दिसंबर 2018 को दिए अपने आदेश में कहा था कि आरएचसी होल्डिंग्स एक एनबीएफसी कंपनी है और वह दिवाला एवं ऋण शोधन क्षमता संहिता के दायरे में नहीं आती है। एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ एचडीएफसी ने एनसीएलएटी का रुख किया था। एचडीएफसी ने आरएचसी होल्डिंग्से 41 करोड़ रुपये की वसूली के लिए एनसीएलटी में गयी थी। आरएचसी होल्डिंग्स कंपनीने अप्रैल 2016 में एचडीएफसी से 200 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। कंपनी ने पहली तिमाही में इस ऋण का ब्याज समय पर चुकाया लेकिन बाद में उसने चूक करना शुरू कर दिया। एचडीएफसी के अनुसार गिरवी रखे शेयरों की बिक्री के बाद भी कंपनी के ऊपर उसका 41.09 करोड़ रुपया बकाया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़