चेक बाउंस मामले में CCD के निदेशकों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट
कैफे कॉफी डे के निदेशकों के खिलाफ चेक बाउंस मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है।कॉफी उत्पादक के ननदीश की शिकायत पर न्यायाधीश और चिकमगलुरू में मुदिगेरे के जेएमएफसी (न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी) ने निदेशकों को तलब किया है।
बेंगलुरू। कॉफी डे ग्लोबल लि. (सीडीजीएल) के निदेशकों के खिलाफ चेक बाउंस मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है। सीडीजीएल कैफे कॉफी डे नाम से रेस्तरां का परिचालन करती है। कंपनी के निदेशकों में पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा की बेटी मालविका हेगड़े भी हैं। वह दिवंगत वी जी सिद्धार्थ की पत्नी हैं। सद्धार्थ की 2019 में दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रावती नदी में बहने से मौत हो गयी थी। कॉफी उत्पादक के ननदीश की शिकायत पर न्यायाधीश और चिकमगलुरू में मुदिगेरे के जेएमएफसी (न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी) ने निदेशकों को तलब किया है। ननदीश ने अपनी शिकायत में कहा कि सीडीजीएस ने उनसे ग्रीन कॉफी बीज खरीदी। इसके बदले कंपनी ने उन्हें केनरा बैंक के 45,38,554 रुपये के बाद की तारीख के 10 चेक दिये। उन्होंने जब चेक अपने एक्सिस बैंक खाते में जमा किये, तो जारी करने वाले खाते में पर्याप्त रकम नहीं होने से चेक से भुगतान नहीं हो पाया।
इसे भी पढ़ें: RBI ने इन दो बैंकों पर ठोका 15 लाख रुपये का जुर्माना, नहीं कर रहे थे निर्देशों का पालन
ननदीश के वकील हालेकोट ए तेजवानी ने पीटीअई-से कहा, ‘‘उन्हें छह अक्टूबर को पेश होना था। लेकिन वे समन के बावजूद अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। उसके बाद अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया है।’’ उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। निदेशकों को उस दिन उपस्थित होना है। इस बारे में कॉफी डे के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चिकमगलुरू और हासन के 1,020 कॉफी उत्पादकों के हमारे ऊपर बकाये थे। इनमें से 700 से अधिक उत्पादकों के बकाये का भुगतान कर दिया गया है।’’ उसने कहा, ‘‘हमने बाकी बचे उत्पादकों को भी आंशिक भुगतान किया है। समूह का कोष जुटाने का कार्यक्रम कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुआ है और इसीलिए भुगतान में विलम्ब हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि लेकिन हम भुगतान को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
अन्य न्यूज़