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पीएफ के धन को निजी संस्था में जमा करने के आरोपी अधिकारी गिरफ्तार
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 3, 2019 12:38
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यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरुद्ध कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। यह प्रकरण संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री ने शासन के गृह विभाग एवं पुलिस महानिदेशक को दोषियों के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत क्षेत्र कर्मचारी ट्रस्ट एवं उत्तर प्रदेश विद्युत निगम अंशदायी भविष्य निधि ट्रस्ट में जमा कार्मिकों के जीपीएफ व सीपीएफ की धनराशि को कथित रूप से निजी संस्था में नियम विरुद्ध सावधि जमा करने के मामले में तत्कालीन सचिव ट्रस्ट प्रवीण कुमार गुप्ता एवं तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी के विरुद्ध थाना हजरतगंज, लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए, भ्रष्टाचार के आरोपी दोनों अधिकारियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरुद्ध कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। यह प्रकरण संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री ने शासन के गृह विभाग एवं पुलिस महानिदेशक को दोषियों के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
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प्रवक्ता ने बताया कि ट्रस्ट कार्यालय में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार प्रवीण कुमार गुप्ता सीपीएफ ट्रस्ट एवं जीपीएफ ट्रस्ट, दोनों का कार्यभार देख रहे थे। उन्होंने तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी से अनुमोदन प्राप्त कर वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के 02 मार्च, 2015 के स्पष्ट दिशा निर्देशों के विपरीत दुराशयपूर्वक, समग्र विनियोजन के 50 प्रतिशत से अधिक की धनराशि को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लि0 नामक निजी संस्था की सावधि जमा में विनियोजित किया। उन्होंने कहा कि वे यह जानते थे कि संस्था अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की श्रेणी में नहीं आती है और एक असुरक्षित निजी संस्था है।
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- निधि अविनाश
- जनवरी 19, 2021 17:41
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टीसीएस के कार्यकारी वीपी और वैश्विक मानव संसाधन प्रमुख मिलिंद लक्कड़ ने हाल के मीडिया इंटरैक्शन में कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि अगले साल के लिए फ्रेशर्स की संख्या 40,000 ही होगी, जितनी इस साल की थी।
कोरोना लॉकडाउन चढ़ाव के बाद मांग में तेज उछाल के साथ, भारतीय आईटी फर्मों ने 2021-22 के लिए लोगों को नौकरी देने की योजना बनाई है। भारत की चार टॉप आईटी फर्मों - टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और विप्रो ने 91,000 लोगों को काम पर रखने की योजना बनाई है। बता दें कि यह आकंड़े पिछले साल के आकंड़ों की तुलना थोड़ा अधिक है। टीसीएस के कार्यकारी वीपी और वैश्विक मानव संसाधन प्रमुख मिलिंद लक्कड़ ने हाल के मीडिया इंटरैक्शन में कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि अगले साल के लिए फ्रेशर्स की संख्या 40,000 ही होगी, जितनी इस साल की थी। वहीं इन्फोसिस ने कहा कि वह अगले वित्त वर्ष में भारत में 24,000 कॉलेज ग्रेजुएट को नियुक्त करेगी, जो कि 15,000 से ऊपर है।
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गौरतलब है कि आईटी कंपनी HCL के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि आगामी दो तिमाहियों में 20 हजार लोगों को काम पर रखेगी। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सी विजयकुमार ने कहा कि सौदों पर हस्ताक्षर तथा डिजिटल सेवाओं को अपनाये जाने में मजबूत वृद्धि के चलते मांग में तेजी आने वाली है। इसी के मद्देनजर कंपनी की ये नियुक्तियां करने की योजना है। कंपनी के साथ 31 दिसंबर 2020 तक 1,59,682 कर्मचारी कार्यरत थे। दिसंबर तिमाही के दौरान कंपनी ने 12,422 लोगों को नौकरियां दी। हालांकि इस दौरान कुछ लोग बाहर भी हुए, जिसके चलते दिसंबर तिमाही में कर्मचारियों की कुल संख्या में वृद्धि 6,597 लोगों की रही। विजयकुमार ने कहा कि जैसी मांग हमें दिख रही है, उसके आधार पर हम अगले चार से छह महीने में 20 हजार लोगों को काम पर रखेंगे। इनमें नये और अनुभवी दोनों तरह के लोग होंगे।
सरकार व्हाट्सऐप की गोपनीयता नीति में बदलावों पर विचार कर रही है: रविशंकर प्रसाद
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 19, 2021 17:21
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व्हाट्सऐप ने कहा है कि उसके मंच पर भेजे गए संदेश पूरी तरह गोपनीय हैं और व्हाट्सऐप या फेसबुक उसके मंच से भेजे गए निजी संदेशों को नहीं देख सकते हैं।
नयी दिल्ली। व्हाट्सऐप की नई गोपनीयता नीति को लेकर उपयोगकर्ताओं की तीखी प्रतिक्रिया के बीच भारत सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप द्वारा किए गए बदलावों पर विचार कर रही है, और साथ ही उन्होंने कहा कि निजी संचार की शुचिता बनाए रखने की जरूरत है। संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 15वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संपर्क के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया जाएगा। डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे पर हाल में भारत सहित दुनिया भर में व्हाट्सऐप की भारी आलोचना हुई है। हालांकि, व्हाट्सऐप ने कहा है कि उसके मंच पर भेजे गए संदेश पूरी तरह गोपनीय हैं और व्हाट्सऐप या फेसबुक उसके मंच से भेजे गए निजी संदेशों को नहीं देख सकते हैं।
प्रसाद ने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर मेरा विभाग काम कर रहा है, और निर्णायक प्राधिकारी होने के नाते मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। लेकिन, एक बात को बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा। चाहें व्हाट्सऐप हो, फेसबुक हो, या कोई भी डिजिटल मंच... आप भारत में व्यापार करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यहां काम कर रहे भारतीयों के अधिकारों का अतिक्रमण किए बिना ऐसा कीजिए।’’ उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संचार की शुचिता को बनाए रखने की जरूरत है। प्रसाद ने कहा, ‘‘यह देखते हुए कि मेरा विभाग इस पर काम कर रहा है, मैंने केवल बुनियादी सिद्धांतों पर बात की है। मुझे इसका इंतजार करना होगा।’’ भारत में अपने उत्पादों को पेश करने के लिए चीनी कंपनियों की भागीदारी के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि सामान्य नीतिगत पहल का जिक्र करने के अलावा किसी भी देश का नाम लेना उनके लिए उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हां, हमने ऐप पर प्रतिबंध लगा दिए, क्योंकि यह मुद्दा डेटा गोपनीयता था, मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा था, मुद्दा राष्ट्रीय संप्रभुता था। इसलिए किसी भी कंपनियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से भी विचार किया जाएगा, चाहें वह निजी हो या सरकारी।’’Addressed the inaugural session of IAMAI India Digital Summit organised by @IndianExpress and spoke on various topics related to data economy, Data Privacy Bill and other relevant topics.https://t.co/T6tuTfzwEU
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) January 19, 2021
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उन्होंने कहा कि डेटा को सहमति से प्राप्त करना चाहिए, इसका इस्तेमाल उसी काम के लिए करना चाहिए, जिसके लिए इसे जमा किया गया है, और डेटा की उचित सुरक्षा तथा शुचिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में 1.3 अरब लोगों की आबादी के साथ अरबों का डेटा है और हम अपनी डिजिटल संप्रभुता पर कभी समझौता नहीं करेंगे। प्रसाद ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि भविष्य में भारत डेटा अर्थव्यवस्था का एक बड़ा केंद्र बन जाए। जब मैं डेटा अर्थव्यवस्था के बारे में बात करता हूं, तो मेरा मतलब डेटा के प्रसंस्करण और डेटा नवाचार से है। भारत में डेटा रिफाइनरी बनने की बहुत बड़ी संभावना है... इसलिए, डाटा अर्थव्यवस्था के संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करके भारत को समृद्ध बनाना चाहिए।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘दुनिया हमारे डेटा कानून की ओर देख रही है, जिसे हम बहुत जल्द लाने जा रहे हैं।
दिल्ली में पेट्रोल पहली बार 85 रु के पार, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 19, 2021 17:16
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दिल्ली में पहली बार पेट्रोल की कीमत 85 रुपये के पार हो गई है। ताजा बदलावों के बाद डीजल की कीमत दिल्ली में 75.38 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 82.13 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में सोमवार को भी 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी।
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने लगातार दूसरे दिन कीमतों में बढ़ोतरी की। इससे राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को पेट्रोल की कीमत पहली बार 85 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गई, जबकि डीजल रिकॉर्ड ऊंचाई के नजदीक पहुंच गया। तेल विपणन कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 25 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही पेट्रोल की कीमत दिल्ली में 85.20 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 91.80 रुपये प्रति लीटर हो गई। ताजा बदलावों के बाद डीजल की कीमत दिल्ली में 75.38 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 82.13 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में सोमवार को भी 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी।
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मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, जबकि दिल्ली में पेट्रोल की कीमत पहली बार 85 रुपये प्रति लीटर के पार हुई है। दिल्ली में डीजल चार अक्टूबर 2018 को 75.45 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर था। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने छह जनवरी को लगभग एक महीने बाद कीमतों की दैनिक समीक्षा शुरू की थी। तब से पेट्रोल के दाम में 1.49 रुपये और डीजल में 1.51 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है।

