मांग की कमी से 18 साल के निचले स्तर पर पहुंची तेल की कीमत

crude oil

तेल कीमतों में 18 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद सुधार आया है। दुनिया भर में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सरकारें लॉकडाउन कर रही हैं, जिसके चलते तेल की कीमतों में गिरावट आई है। सऊदी अरब और रूस के बीच कीमत युद्ध के चलते कच्चा तेल और कमजोर हुआ है।

सिंगापुर। एशियाई बाजारों में मंगलवार को तेल कीमतों के 18 साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद, कीमतों में तेज सुधार देखने को मिला। कारोबारियों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते बढ़ती आशंकाओं के बीच निवेशकों ने नीतिनिर्माताओं के कदम पर भरोसा किया। अमेरिकी मानक वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 7.3 प्रतिशत उछलकर 21.5 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 3.3 प्रतिशत की तेजी के साथ23.5 डॉलर प्रति बैरल पर था। न्यूयॉर्क में सोमवार को कीमतें 2002 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गईं थीं और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कुछ समय के लिए 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर गया था।

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दुनिया भर में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सरकारें लॉकडाउन कर रही हैं, जिसके चलते तेल की कीमतों में गिरावट आई है। सऊदी अरब और रूस के बीच कीमत युद्ध के चलते कच्चा तेल और कमजोर हुआ है। इसबीच खबर आई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को तेल कीमतों पर चर्चा हुई। ऐसे में माना गया कि रूस और सऊदी अरब के बीच उत्पादन को लेकर सहमति बन सकती है।

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