ONGC ने लागत संबंधी चिंताओं के कारण दमन गैस क्षेत्र के विकास के लिए बोलियां रद्द कीं

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ओएनजीसी की यह परियोजना भारत के पश्चिमी तट के उथले-पानी वाले क्षेत्रों से गैस उत्पादन में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके चालू होने पर परियोजना से प्रतिदिन 40-50 लाख मानक घन मीटर के वर्तमान गैस उत्पादन को लगभग दोगुना किया जा सकेगा।

नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने पश्चिमी तट पर अपनी दमन गैस विकास परियोजना के लिए मिली बोलियों को रद्द कर दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि लागत संबंधी चिंताओं के कारण ऐसा किया गया है। ओएनजीसी की यह परियोजना भारत के पश्चिमी तट के उथले-पानी वाले क्षेत्रों से गैस उत्पादन में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके चालू होने पर परियोजना से प्रतिदिन 40-50 लाख मानक घन मीटर के वर्तमान गैस उत्पादन को लगभग दोगुना किया जा सकेगा।

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि परियोजना के लिए ओएनजीसी को मिली बोलियों में बताई गई लागत कंपनी के आंतरिक अनुमानों से कहीं अधिक थी। इसलिए निविदा रद्द कर दी गई है। उन्होंने कहा कि निविदा को अब अलग-अलग हिस्सों में विभाजित किया जाएगा और फिर से बोली मंगाई जाएगी। पिछले साल दिसंबर में जब बोलियां खोली गईं, तो लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) सबसे कम बोली लगाने वाले के रूप में उभरी थी।

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इसने पश्चिमी तट से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित क्षेत्र से उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए 66.37 करोड़ डॉलर की बोली लगाई थी।सूत्रों ने कहा कि एलएंडटी का 66.37 करोड़ डॉलर का भाव ओएनजीसी के 48.50 करोड़ डॉलर के संशोधित आंतरिक अनुमान से काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि एलएंडटी ने 10 लाख डॉलर छोड़ने की पेशकश की थी, लेकिन ओएनजीसी ने इसे स्वीकार नहीं किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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