पतंजलि का चालू वर्ष में 10,000 करोड़ के कारोबार का लक्ष्य

ऐसे समय जब पूरी दुनिया आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रही है पतंजलि आयुर्वेद ने चालू वित्त वर्ष के दौरान अपना कारोबार दोगुने से भी अधिक बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने वर्ष के दौरान छह प्रसंस्करण इकाइयों पर 1,150 करोड़ रुपये निवेश की भी योजना बनाई है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रवर्तक योग गुरु रामदेव ने आज कहा, ‘‘हम देश के विभिन्न हिस्सों में पांच-छह प्रसंस्करण इकाइयां लगायेंगे जिसमें 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा। इसके अलावा शोध एवं विकास पर 150 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। हम चालू वित्त वर्ष के दौरान अपना कारोबार दोगुना कर 10,000 करोड़ रुपये पर पहुंचायेंगे।’’
ये इकाइयां असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लगाई जायेंगी। पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ‘‘हम ये इकाइयां सूखा प्रभावित इलाकों महाराष्ट्र के विदर्भ, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में लगायेंगे। इनमें से कम से कम चार इकाइयां इस वित्त वर्ष के अंत तक चालू हो जायेंगी।’’ पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 2015-16 के कामकाज का ब्योरा देते हुये उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2016 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने 150 प्रतिशत वृद्धि हासिल करते हुये 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया। रामदेव ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भी वृद्धि की यह गति बनी रहेगी और वर्ष के दौरान पतंजलि का कारोबार दोगुने से अधिक बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच जायेगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि इस साल तीव्र प्रतिस्पर्धा वाले ‘डेयरी उत्पादों’ के क्षेत्र में भी उतरेगी।
रामदेव ने कहा ‘‘हम अपने वृद्धि लक्ष्य को हासिल करने के लिये डेयरी, पशुचारा और योग के लिये खादी के कपड़े जैसे नये क्षेत्रों में कारोबार शुरू करेंगे। डेयरी उत्पादों का काम इसी साल शुरू हो जायेगा। दूध, मक्खन, छाछ और पनीर आदि उत्पाद के साथ काम शुरू होगा। धन की व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर रामदेव ने कहा, ‘‘बैंक हमें कर्ज देने के लिये तैयार हैं। हमारे पास कामकाज के विस्तार के लिये धन की तंगी नहीं है। हम कर्ज के बोझ से मुक्त कंपनी हैं।’’
रामदेव ने पतंजलि उत्पादों की बढ़ती बिक्री को देश का ‘आर्थिक स्वाधीनता अभियान’ बताया। उन्होंने कहा कि मार्च 2012 में बाजार में उतरने के बाद से पतंजलि ने कारोबार में 1100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल कर सफलता का स्वर्णिम इतिहास रच दिया। कंपनी ने 2011-12 में जहां 446 करोड़ रुपये का कारोबार किया वहीं 2012-13 में 850 करोड़ रुपये, 2013-14 में 1200 करोड़ रुपये और 2014-15 में 2006 करोड़ रुपये का कारोबार किया। पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में कंपनी का कारोबार 150 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। उन्होंने बताया कि वर्ष के दौरान दंतमंजन दंतकांति, बालों का तेल केशकांति, गाय का देशी घी, बिस्कुट, शहद, च्यवनप्राश, हर्बल नहाने का साबुन और कुछ अन्य उत्पाद कंपनी के अग्रणी प्रदर्शन वाले उत्पाद रहे हैं।
रामदेव ने कहा कि कंपनी निर्यात बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है। इसके साथ ही ऑनलाइन उपस्थिति पर भी गौर कर रही है। ‘‘हमें इंटरनेट पर हर महीने पांच करोड़ लोग देखते हैं। विस्तार के साथ हमारी ऑनलाइन बिक्री भी बढ़ेगी।’’ कंपनी ने खुदरा वितरण प्रणाली को अधिक सुदृढ़ बनाने के लिये नई रणनीति बनाई है। इसके लिये उत्पादों को चार वर्गों में बांटा गया है। होम केयर, नैचुरल कॉस्मेटिक एंड हेल्थ केयर, नैचुरल फूड, बेवरेजिज एंड हेल्थ ड्रिंक्स। देशभर में 4000 वितरक, 10 हजार से ज्यादा पतंजलि स्टोर, 100 पतंजलि मेगा स्टोर और खुदरा विपणन की आधुनिक भागीदारी के साथ इन लक्ष्यों को पूरा किया जायेगा।
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