RBI ने बड़े NBFC और HFC की कड़ी निगरानी की जरूरत पर जोर दिया

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रिजर्व बैंक ने अर्द्धवार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में ये टिप्पणियां ऐसे समय में आयी हैं जब पिछले साल सितंबर के बाद कई एनबीएफसी और एचएफसी में संकट सामने आया है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक आईएलएंडएफएस समूह भी तरलता संकट में फंस गयी। इसके ऊपर करीब एक लाख करोड़ रुपये का बकाया है।

मुंबई। रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास क्षेत्र में वित्तपोषण करने वाली कंपनियों (एचएफसी) पर कड़ी निगरानी की जरूरत को बृहस्पतिवार को रेखांकित किया। उसने कहा कि बड़े एनबीएफसी या एचएफसी के असफल होने का असर किसी बड़े बैंक के बंद होने जैसा हो सकता है।

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रिजर्व बैंक ने अर्द्धवार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में ये टिप्पणियां ऐसे समय में आयी हैं जब पिछले साल सितंबर के बाद कई एनबीएफसी और एचएफसी में संकट सामने आया है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक आईएलएंडएफएस समूह भी तरलता संकट में फंस गयी। इसके ऊपर करीब एक लाख करोड़ रुपये का बकाया है।

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केंद्रीय बैंक ने कहा कि एनबीएफसी और एचएफसी में विशेष प्रकार के संकट के कारण बैंकिंग प्रणाली को हुए नुकसान से यह पता चलता है कि इनमें से किसी बड़ी कंपनी के नकदी संकट में फंसने से वैसा ही नुकसान हो सकता है जो किसी बड़े बैंक के बंद हो जाने से होता है। इससे बड़े एनबीएफसी और एचएफसी पर कड़ी निगरानी की जरूरत का पता चलता है। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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