रोबोटिक्स में भी अपना भविष्य तलाश सकती है युवा पिढ़ी

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[email protected] । Sep 30 2019 6:02PM

रोबोटिक्स के क्षेत्र में भारत अभी भी प्रारम्भिक अवस्था में है । एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारत में प्रति 10,000 कर्मचारियों में केवल तीन रोबोट हैं। ये देश के औद्योगिक विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए तथा निरंतर वृद्धि के लिए स्पष्ट रूप से अपर्याप्त हैं ।

रोबोटिक्स विद्यार्थियों की वर्तमान पीढ़ी के बीच करियर के विकल्प के रूप में लोकप्रियता हासिल कर रहा है। रोबोट ऐसी मशीनें हैं जो या तो स्वतंत्र रूप से या कमांड पर परिचालित की जा सकती हैं। रोबोटिक्स इंजीनियरिंग की एक शाखा है जिसमें रोबोट के डिजाइन, निर्माण और संचालन शामिल हैं। उत्पादन के स्थल तक सामान ले जाने से लेकर जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं को करने और अंतरिक्ष अन्वेषण अभियान तक रोबोट तेज़ी से हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे अन्य क्षेत्रों में प्रगति करके रोबोटिक्स हमारे जीवन के तौर-तरीकों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।

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रोबोटिक्स के क्षेत्र में भारत अभी भी प्रारम्भिक अवस्था में है । एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारत में प्रति 10,000 कर्मचारियों में केवल तीन रोबोट हैं। ये देश के औद्योगिक विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए तथा निरंतर वृद्धि के लिए स्पष्ट रूप से अपर्याप्त हैं । इसलिए हमारी शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन किया जाना चाहिए ताकि शीघ्रातिशीघ्र रोबोटिक्स शुरू करके युवा विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। रोबोटिक्स  विद्यार्थियों को  सिखाने तथा शिक्षा के प्रति लगाव पैदा करने में अधिक प्रभावी हो सकता है और उनमें वैज्ञानिकी स्वभाव भी पैदा कर सकता है। प्रौद्योगिकी से ही आज दुनिया चल रही है  और विद्यार्थियों को समाज का उत्पादक सदस्य होने के लिए नवीनतम तकनीक में निपुण होना चाहिए।

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स्टेम (Science, Technology, Engineering and Mathematics) के वर्चस्व वाले  रोजगार क्षेत्र में रोबोटिक्स में योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों की माँग में लगभग 200 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। माँग-आपूर्ति  के अंतर के स्थिर होने के कारण यह प्रवृद्धि भविष्य में स्थिर रहने की संभावना है। विद्यालयों में शैक्षिक पाठ्यक्रम के अंग के रूप में रोबोटिक्स शुरू करने से लेकर विद्यार्थियों की रुचि का परिपोषण शीघ्रता से  किया जा सकता है। रोबोटिक्स प्रशिशण भविष्य के लिए उत्कृष्ट प्रतिभा को उत्पन्न करने से लेकर उच्च चिंतन क्षमता समस्या निवारण कौशल का विकास कर प्रोत्साहित कर रहा है।

रोबोट विभिन्न उद्योगों में विकसित किए जा रहे हैं तथा बढ़ती संख्या में अनेक भूमिकाओं में  तैनात किए जा रहे हैं। जटिलता के साथ रोबोटों के संख्या में वृद्धि, माँग, आविष्कार, कला, मॉडल निर्माण एवं  उनके परीक्षण-नियंत्रण में अधिक सहयोग और संभाषण की आवश्यकता है। कम उम्र में रोबोटों के संपर्क में आने वाले विद्यार्थी टीमवर्क, संचार और यहाँ तक ​​कि सामुदायिक भागीदारी में मूल्यवान जीवन कौशल भी सीखते हैं ।

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इसलिए विद्यालयों में रोबोटिक्स का परिचय अनेक क्षेत्रों पर कई गुना लाभकारी होगा। विडंबना यह है कि प्रारंभ से विद्यालय शिक्षा के केंद्र होने के बावजूद भी परिवर्तन लाने में  बाधक रहे हैं। आज भी विद्यालय सैद्धांतिक रूप से मिलने वाली शिक्षा के लाभ से हटकर काफी हद तक शिक्षक निर्देशित शिक्षा पर निर्भर हैं। हालाँकि बढ़ती जागरूकता और माँग के कारण, विद्यालय नई तकनीक को अपनाने और रोबोटिक्स जैसे नए पाठ्यक्रमों को लागू करने में अग्रणी दिखाई दे रहे हैं।

स्टार्टर किट या उन्नत रोबोट किटों की लागत गिरने के साथ, एक बार उन्हें उपयोग में लाने संबंधी जो  चिंताएं थीं और पाठ्यक्रम में रोबोटिक्स को बड़े पैमाने पर अपनाने में जो अवरोध था , वह लगभग  हल हो गया है। रोबोटिक्स के सरल मूलभूत सिद्धांतों को अल्प रचनात्मकता और डी॰आइ॰वाई॰ (इसे स्वयं करें) दृष्टिकोण से सिखाया जा सकता है। छात्रों को उनकी रुचि, रचनात्मकता तथा सामान्य बोध के प्रयोग द्वारा कार्डबोर्ड और इस तरह के अन्य घरेलू सामानों को इकट्ठा करके रोबोटिक्स की प्रतिकृत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।

इस संबंध में भारत सरकार ने युवा-मस्तिष्क में जिज्ञासा, रचनात्मकता तथा कल्पना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देशभर के विद्यालयों में अटल टिकरिंग प्रयोगशालाओं (ए॰टी॰एल) की स्थापना की है। यह ढाँचा मानसिकता, संगणनात्मक सोच, अनुकूलन अधिगम, भौतिकी गणना आदि के कौशल को विकसित करने में मदद करता है। इस पहल के अंतर्गत, छोटे बच्चों को स्टेम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) की अवधारणाओं को समझने के लिए औजारों और उपकरणों के साथ काम करने का अवसर मिलता है। एटीएल के शिक्षा और शिक्षण में ‘इसे स्वयं करें’ किट तथा उपकरण-विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, ओपेन सोर्स माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड, सेंसर और 3डी प्रिंटर और कंप्यूटर शामिल हैं।

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ऐम॰बी॰डी॰ समूह ने शिक्षा उद्योग के मार्गदर्शक के रूप में विद्यालयी शिक्षा में रोबोटिक्स आरंभ करने का बीड़ा उठाया है। दशकों से ऐम॰बी॰डी॰ समूह ‘स्कूली शिक्षा के लिए रोबोटिक्स’ अभियान में प्रशिक्षण मॉड्यूल, कार्यशालाएँ, रोबोट किट उत्कृष्ट विशेषज्ञता तथा संचित संसाधनों के साथ विशाल अनुभव के साथ  प्रयोगों का प्रारूप तैयार करने और रचनात्मक संसाधनों के पहुँचाने के लिए प्रयासरत है। ग्रेड-6 से ग्रेड-12 के लिए उपलब्ध मॉड्यूल और प्रयोगों का उद्देश्य चिंतनशीलता और सहभागिता के माध्यम से अधिगम (सीखना) और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है।

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