अपनी परियोजनाओं में हरित क्षेत्रों को भी शामिल करें रियल एस्टेट डेवलपरः Amit Shah

शाह ने कहा, “जब हम नियमन को प्रतिबंध के रूप में देखते हैं, तभी समस्या पैदा होती है। नियमन हमेशा व्यापार के अवसर बढ़ाने, विश्वसनीयता मजबूत करने और ग्राहकों को बेहतर सुविधाओं की गारंटी देने में मदद करता है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को रियल एस्टेट कंपनियों से अपनी परियोजनाओं की योजना बनाते समय हरित क्षेत्रों को भी जगह देने का आग्रह किया और निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को कौशल प्रशिक्षण देने की जरूरत पर बल दिया।
शाह ने यहां रियल एस्टेट निकाय क्रेडाई के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (रेरा) ने डेवलपरों के कामकाज को सुगम बनाने के साथ घर खरीदारों के हितों की भी रक्षा की है। उन्होंने कहा कि विभिन्न निर्माण सामग्रियों पर जीएसटी दरें घटाए जाने से परियोजनाओं की लागत घटाने में मदद मिलेगी।
शाह ने कहा, “लागत में कमी आने से बिल्डर ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा सकेंगे।” गृह मंत्री ने रेरा कानून का उल्लेख करते हुए कहा कि जब यह कानून लाया गया था, तब उद्योग में कई आशंकाएं थीं। लेकिन आज कोई इनकार नहीं कर सकता कि रेरा ने डेवलपरों के सुचारु संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शाह ने कहा, “जब हम नियमन को प्रतिबंध के रूप में देखते हैं, तभी समस्या पैदा होती है। नियमन हमेशा व्यापार के अवसर बढ़ाने, विश्वसनीयता मजबूत करने और ग्राहकों को बेहतर सुविधाओं की गारंटी देने में मदद करता है।”
इसके साथ ही शाह ने उद्योग को सलाह दी कि यदि किसी नियम को लेकर शुरुआती दिक्कतें हों, तो उसका विरोध करने के बजाय सरकार के साथ संवाद किया जाए। उन्होंने कहा कि रेरा रियल एस्टेट क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार लेकर आया है, जिससे घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा, संपत्ति सौदों में पारदर्शिता और निर्माण गुणवत्ता में सुधार हुआ है। शाह ने कहा कि तेजी से हो रहा शहरीकरण आने वाले वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए बड़े अवसर प्रदान करेगा।
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