भारतीय बाजार में लौटा उत्साह, रियल एस्टेट हितधारकों के लिए जगी उम्मीद, देखें यह रिपोर्ट

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[email protected] । Jan 14 2020 6:27PM

भारत में रियल एस्टेट हितधारकों के मन में बाजार के मौजूदा भाव को लेकर उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।23वें नाईट फ्रैंक-फिक्‍की-नारडेको रियल एस्टेट सेंटिमेंट इंडेक्स तिमाही-4 2019 के सर्वेक्षण में दर्शाया गया है कि 2019 की अक्टूबर-दिसम्बर तिमाही (2019 की चौथी तिमाही) में बाजार ने 53 अंकों के साथ उम्मीदों का रुख किया है।

मुंबई। लगातार दो तिमाहियों तक निराशा (50 अंक से नीचे) झेलने के बाद भारत में रियल एस्टेट हितधारकों के मन में बाजार के मौजूदा भाव को लेकर उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है. यह खुलासा करते हुए 23वें नाईट फ्रैंक-फिक्‍की-नारडेको रियल एस्टेट सेंटिमेंट इंडेक्स तिमाही-4 2019 के सर्वेक्षण में दर्शाया गया है कि 2019 की अक्टूबर-दिसम्बर तिमाही (2019 की चौथी तिमाही) में बाजार ने 53 अंकों के साथ उम्मीदों का रुख किया है.  

इस रिपोर्ट में आगे संकेत दिया गया है कि 2019 की पूर्ववर्ती तीसरी तिमाही में पहली बार खतरनाक स्तर तक गिरने के बाद भावी भाव अंक (फ्यूचर सेंटिमेंट स्कोर) 2019 की चौथी तिमाही में वापसी करते हुए 59 अंक पर पहुँच गया. लेकिन उम्मीदों का रुख करने के बावजूद हितधारकों का गुणात्मक दृष्टिकोण अभी भी चौकन्ना बना हुआ है, जैसा कि उनमें से अधिकाँश का मानना है कि भले ही यह अलगे छः महीने में और नीचे नहीं गिरेगा, फिर भी बाजार भाव पूर्ववर्ती स्तर पर ही बना रहेगा. 

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वर्तमान सेंटिमेंट स्कोर

·वर्तमान सेंटिमेंट स्कोर 2019 की चौथी तिमाही में मजबूत हुआ और चढ़कर 53 तक पहुँच गया तथा लगातार दो तिमाहियों के बाद आशाजनक दिशा का रुख कर लिया.

·वर्तमान सेंटिमेंट स्कोर में मजबूती इस बात का संकेत है कि हितधारक सावधानी के साथ आशावान है जैसा कि वे इस उद्योग में दोबारा जान फूंकने के लिए सरकार के विभिन्न कदमों के कार्यान्वयन का इंतज़ार कर रहे हैं.

·उद्योग के लिए वर्तमान भाव में सुधार का स्वरूप कतिपय मैक्रो-इकनोमिक संकेतकों में हालिया सुधारों के भी अनुरूप हैं. उदाहरण के लिए, सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए दिसम्बर 2019 में  परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) में अर्थपूर्ण सुधार हुआ. सीमेंट उद्योग की वृद्धि पूर्ववर्ती तीन महीनों में सिकुड़ने के बाद नवम्बर 2019 में सुधर कर 4.1% पर पहुच गया.

भावी सेंटिमेंट स्कोर 

·भावी सेंटिमेंट स्कोर, जो 2019 की पूर्ववर्ती तीसरी तिमाही में खतरे के लाल निशान पर पहुँच गया था, की भी 2019 की चौथी तिमाही में 59 अंक के साथ वापसी हुयी है. ]

·हालांकि स्कोर अभी आशाजनक है, हितधारकों का गुणात्मक दृष्टिकोण अभी भी चौकन्ना बना हुआ है, जैसा कि उनमें से अधिकाँश का मानना है कि भले ही यह अलगे छः महीने में और नीचे नहीं गिरेगा, फिर भी बाजार भाव पूर्ववर्ती स्तर पर ही बना रहेगा.

·रियल एस्टेट उद्योग पिछले तीन साल से अधिक समय से तनावग्रस्त रहा है. कमजोर माँग, भण्डार का लटकना, एनबीएफसी के संकट बदतर होने के साथ डेवलपर की चूक के कारण उद्योग के लिए फंडिंग के स्रोत सूख गए. नतीजतन कर्ज की लागत बढ़ गयी और इन सभी से पहले ही से मुश्किल में फंसे उद्योग के लिए वित्त पर बुरा प्रभाव पडा. 

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नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन तथा मैनेजिंग डायरेक्टर, शिशिर बैजल ने कहा कि, “वर्ष 2019 की चौथी तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर के सेंटिमेंट में मौजूदा और अपेक्षित, दोनों दृष्टिकोण में सुधार हुआ है. भारत के समग्र आर्थिक प्रदर्शन में लगातार गिरावट के मद्देनजर यह आशाजनक स्थिति महत्वपूर्ण हैं. हालांकि जब यह उद्योग खुद को विशेषकर रेजिडेंशियल सेगमेंट में संतुलित करने की दिशा में काम कर रहा है, सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की बदौलत इसे 2019 में स्थिरता मिली. किन्तु, हमारी अपेक्षा है कि चूंकि बड़े पैमाने पर माँग उत्पन्न होना अभी बाकी है, बाज़ार अभी चौकस और संवेदनशील बना रहेगा.”

शिशिर ने आगे यह भी कहा कि, उद्योग में जो आशावाद की स्थिति है वह ऑफिस सेक्टर के लिए है जिसमें पिछले कुछ वर्षों में लगातार हो रही वृद्धि 2019 में ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुँच गया था. अगली 8-10 तिमाहियों में अगर ऑफिस के क्षेत्र में और खुदरा, गोदाम, लॉजिस्टिक्स सहित अन्य वाणिज्यिक और आवासीय सेक्टर में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की गति के बावजूद सकारात्मक वृद्धि होती है, तो हम रियल एस्टेट सेक्टर में दोबारा उछाल की उम्मीद कर सकते हैं. इसलिए इस उद्योग को तमाम सेग्मेंट्स में सकारात्मक मांग सुनिश्चित करने के लिए पर्यात सुरक्षा की ज़रुरत है.” 

क्षेत्रीय भावी सेंटिमेंट स्कोर - उत्तर और पश्चिम क्षेत्र में सतर्कता जारी 

·उत्तरी क्षेत्र में भावी सेंटिमेंट स्कोर में लगातार दो तिमाहियों में निराशा के बाद उम्मीदों का रुझान बना है. 2019 की तीसरी तिमाही के 48 से चढ़ कर चौथी तिमाही में 54 तक पहुँचने के साथ इस क्षेत्र में हितधारकों के बीच अगले छः माह के लिए कुछ सकारात्मकता दिखाई दे रही है. 

·पश्चिम क्षेत्र के लिए सेंटिमेंट स्कोर, जो पूर्ववर्ती 2019 की तीसरी तिमाही में खतरे के निशान पर था, चौथी तिमाही में बढ़ कर 55 पर पहुँच गया. पश्चिम क्षेत्र के हितधारक अभी इंतज़ार और निगरानी की मानसिकता में हैं तथा एआइएफ़ के लागू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिससे मौजूदा कर्ज संकट में बाज़ार के सेंटिमेंट में उत्साह पैदा होगा. 

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हितधारकों का भावी सेंटिमेंट स्कोर - डेवलपरों ने सरकारी हस्तक्षेप का स्वागत किया, 

कर्जदाता सतर्क 

·2019 की अंतिम तिमाही में डेवलपर्स का आत्मविश्वास कुछ मजबूत हुआ है, जैसा कि 2019 की तीसरी तिमाही में सेंटिमेंट स्कोर की, जो खतरनाक स्थिति में पहुँच गया था, सरकारी हस्तक्षेप की बदौलत चौथी तिमाही में 59 अंक के साथ शानदार वापसी हुयी. 

·इसका अर्थ यह है कि हितधारक आगामी छः महीनों में सेक्टर में उछाल को लेकर आशावान हैं. 

·यद्यपि वित्तीय संस्थानों का सेंटिमेंट पूर्ववर्ती तिमाही से मजबूत हुआ है, फिर भी हितधारक सावधानी बरत रहे हैं. 

आर्थिक दृष्टिकोण और फंडिंग परिदृश्य अर्थव्यवस्था में दोबारा जान फूंकने के लिए अविलम्ब नीतिगत कारवाई; सतर्कतापूर्ण फंडिंग की संभावना 

·अर्थव्यवस्था को लेकर रियल एस्टेट उद्योग का सेंटिमेंट 2019 की चौथी तिमाही में सतर्कतापूर्ण बना हुआ रहा है. जहाँ 35% हितधारकों का कहना है कि समग्र आर्थिक स्थिति आगामी छः महीनों में यथावत रहेगी, वहीं 37% को भरोसा है कि स्थिति में सुधार होगा. 

जहां तक फंडिंग की बात है, हितधारकों ने आगामी छः महीनों के लिए सकारात्मक रुख प्रदर्शित किया है. सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि हितधारकों को लगता है इस सेक्टर के लिए फण्ड का प्रवाह आगामी छः महीनों में बेहतर होगा।

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नारडेको के नेशनल प्रेसिडेंट और हीरानंदानी ग्रुप के संस्थापक तथा एमडी,डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि, “उत्थान हमेशा नीचे से ही आरम्भ होता है और भारतीय रियल एस्टेट के लिए 2019 संभावित वृद्धि का वर्ष था जो थोड़ा पीछे रह गयी. दिलचस्प है कि 2020 के लिए आर्थिक दृष्टिकोण भारतीय रियल एस्टेट के संभावित विकास के कारण आशाजनक लग रहा है और इससे स्थिति में वास्तविक बदलाव आयेगा. रोजगार सृजन के साथ-साथ दहाई अंक में जीडीपी विकास पर इसका गुणांक प्रभाव भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना हासिल करने के अनुरूप है.”

उनहोंने आगे यह भी कहा कि, लॉजिस्टिक्स, भंडारण, सहकार्य और सहजीवन, किराए का आवास और डाटा सेंटर्स जैसे नए सेगमेंट का बोलबाला रहेगा. रेजिडेंशियल मार्केट में माँग और बिक्री में प्रत्याशित वृद्धि के साथ पुनर्जीवन देखने को मिलेंगे. आरइआईटी और इनवीआईटी में सुनिश्चित प्रतिलाभ तथा लगातार पूंजी प्रवाश के चलते निवेशकों के बीच आकर्षण बढ़ना जारी रहेगा.”

रेजिडेंशियल मार्केट का भविष्य : इस क्षेत्र में नवजीवन के कोपल दिख रहे हैं 

·लगभग 74% हितधारकों ने आगामी छः महीनों के लिए इस समझ के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण दर्शाया है कि आवासों की विक्री में या तो सुधार होगा या यथावत स्थिति रार्हेगी, लेकिन इसमें गिरावट नहीं आयेगी. 

·लगभग 79% हितधारकों का मत था कि अगले छः महीनों में आवासीय कीमतें समान स्तर रहेंगी या उनमें और गिरावट होगी. 

·सरकार द्वारा किफायती घरों की अंतिम पायदान तक फंडिंग के लिए एआइएफ़, जीएसटी को सुसंगत बनाना और एचएफसी तथा एनबीएफसी को लिक्विडिटी सपोर्ट जैसे उपायों की घोषणा से इस सेक्टर को ताकत मिली है. किन्तु सर्वेक्षण से पता चलता है कि सेंटिमेंट में और जान भरने तथा मांग में मजबूती के लिए ज्यादा लक्षित समाधानों की ज़रुरत होगी. 

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ऑफिस मार्केट का दृष्टिकोण : उज्जवल पक्ष 

·ऑफिस मार्केट के सम्बन्ध में आगामी छः महीनों के लिए दृष्टिकोण सकारात्मक दिशा में है, जो मौजूदा बाज़ार रुझान से भी सही लगता है जैसा कि वर्ष 2019 में अभी तक के सबसे अधिक, यानी 5.6 मिलियन वर्गमीटर (60.6 मिलियन वर्गफूट) का सौदा दर्ज किया गया. इससे बाज़ार की मजबूती का संकेत मिलता है.

·पट्टेदारी कारोबार के सम्बन्ध में भावी सेंटिमेंट स्कोर मजबूत हैं जैसा की 88% हितधारकों ने कहा कि पट्टेदारी कारोबार या तो बेहतर होगा या यथावत रहेगा. 

·सकारात्मक रुझान बरकरार रखते हुए अधिकाँश हितधारकों ने माना कि सभी जगहों पर बाज़ारों में नयी आपूर्ति आयेगी. नाइट फ्रैंक के अनुसंधान के मुताबिक़ 2019 में आपूर्ति की गति मजबूत थी जब साल भर में करीब 5.7 मिलियन वर्गमीटर (61.3 मिलियन वर्गफूट) ऑफिस स्पेस की डिलीवरी की गयी. 

·91% हितधारकों को उम्मीद है कि प्रमुख ऑफिस मार्केट में किराया या तो मौजूदा स्तर पर कायम रहेगा या इसमें वृद्धि होगी. 

टाटा रियल्टी ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और फिक्की रियल एस्टेट कमिटी के चेयरमैन, संजय दत्त ने कहा कि, “देश के रियल एस्टेट सेक्टर के भविष्य को विशेषतः दो अलग-अलग वाहकों से पहचाना जा सकता है - घरेलू और वैश्विक खपत. इन दोनों की डायनैमिक्स से इसके रेजिडेंशियल और कमर्शियल रियल एस्टेट मार्किट के परस्पर विरोधी नतीजे समझ में आते हैं. जहाँ कमर्शियल ऑफिस सेगमेंट और मजबूत हुआ है तथा वर्ष 2019 में शीर्ष 8 शहरों में इसने 60 मिलियन वर्गफूट की माँग के साथ अभी तक का सबसे ऊंचा स्तर हासिल किया है; वहीं आवासन के क्षेत्र में सकल बाज़ार 2,45,000 (3 तिमाहियों में) घरों के साथ केवल सस्ते आवास सेगमेंट में सुधार दिख रहा है.

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बाकी सेग्मेंट्स में और इन्वेंटरी की सामान्य यथास्थिति अभी भी 33-40 महीने के स्तर पर है. ऑफिस मार्केट के मामले में स्थिति वैश्विक निगमों से कैप्टिव स्पेस की मजबूत माँग के साथ ठीक अवस्था में है. यद्यपि वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का किफायती मीट्रिक बिलकुल ठीक है, लेकिन यह भी उत्साहवर्धक है कि नॉन-आईटी सेक्टर की हिस्सेदारी कुल खपत में 50% से अधिक है. विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ऐप्लिकेशंस की माँग में विश्वव्यापी बढ़ोतरी से उत्पन्न अनुकूल वातावरण के चलते यह गति और तेज होगी तथा निकट भविष्य में हमें संवहनीय ऑफिस मांग देखने को मिल सकती है.”

संजय ने आगे यह भी कहा कि, “दूसरी ओर मुख्य धारा के रेजिडेंशियल मार्केट को फिर से उठने के लिए कभी भी शीघ्र ही भारी सपोर्ट की ज़रुरत है. इसमें स्थिति मिली-जुली है जहाँ विशाल अंतिम उपभोक्ता के माँग आधार की बदौलत सस्ते और मध्यम कीमत से रेजिडेंशियल सेगमेंट में कुछ सुधार देखा जा रहा है. इसमें सरकारी प्रोत्साहन और अति उत्साहवर्धक मौद्रिक नीति मध्यवर्तन के कारण नयी जान आ रही है. नगदी प्रवाह की ओर अभिमुख कार्यान्वयन पर केन्द्रित सुधारात्मक माहौल और रेरा के साथ तालमेल में कार्य सम्पादन से आने वाले समय के लिए काफी मजबूत आपूर्ति पक्ष का ही संकेत मिलता है. इस स्थिति में हितधारकों को यह सत्य स्वीकार कर लेना चाहिए कि यह एक लम्बी प्रक्रिया होगी. साथ ही, रेजिडेंशियल मार्केट पर सार्थक प्रभाव के लिए सभी मध्यवर्तनों और उद्योग ने जो सुधारात्मक कदम उठाये हैं उनके फल आने में कम से कम 5 साल लगेंगे.”

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