सेबी ने म्युचुअल फंड के जोखिम प्रबंधन ढांचे पर अमल को अप्रैल तक टाला

SEBI defers implementation of risk management framework mutual funds till April

बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंड के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचे के क्रियान्वयन की समयसीमा एक अप्रैल 2022 तक के लिए बढ़ा दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि म्युचुअल फंड (एमएफ) के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचा लागू करने की समयसीमा बढ़ाई जा रही है।

नयी दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने म्युचुअल फंड के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचे के क्रियान्वयन की समयसीमा एक अप्रैल 2022 तक के लिए बढ़ा दी है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि म्युचुअल फंड (एमएफ) के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचा लागू करने की समयसीमा बढ़ाई जा रही है। पहले यह व्यवस्था एक जनवरी 2022 से ही लागू होने वाली थी। इसके साथ ही नियामक ने कहा कि खास श्रेणी की एमएफ योजनाओं का मानक तय करने वाली द्विस्तरीय संरचना भी अब नई तारीख से लागू होगी।

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सेबी ने म्युचुअल फंड द्वारा पूल खातों के इस्तेमाल पर दिशानिर्देश जारी करने और बीआरडीएस योजनाओं में निवेश के मानक भी तय करने की बात कही है। म्युचुअल फंड संचालित करने वाली इकाइयों के संगठन एएमएफआई से मिले प्रतिवेदनों के आधार पर सेबी ने ये सभी फैसले किए हैं। बाजार नियामक ने कहा कि म्युचुअल फंड सिर्फ लेनदेन के ही लिए पूल खातों का इस्तेमाल कर सकती हैं। ये लेनदेन भी फंड स्तर पर ही होने चाहिए। हालांकि इसके लिए फंड हाउस को नियामकीय मंजूरी लेनी होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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