छह लाख गांवों को मोदी सरकार ने दिया तोहफा, कहा- तीन साल में आप्टिकल फाइबर सुविधा होगी उपलब्ध

Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले 1,000 दिन के भीतर छह लाख गांवों में आप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा कर लिया जायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही हमें साइबर सुरक्षा के प्रति भी सचेत रहना होगा।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आने वाले 1,000 दिन (तीन साल से कम समय) में देश के सभी छह लाख गांवों को तेज इंटरनेट सुविधा देने वाले आप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ दिया जायेगा। इसके साथ ही सरकार जल्द ही नई साइबर सुरक्षा नीति पर भी लायेगी। प्रधानमंत्री ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एतिहासिक लालकिले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में नये भारत के निर्माण की दिशा में उठाये जा रहे कदमों का उल्लेख करते हुये कहा कि पांच वर्ष में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को तीव्र इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने वाली आप्टिकल फाइबर सुविधा से जोड़ा गया है। अन्य एक लाख में भी यह सुविधा पहुंचाई जा रही है। 

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उन्होंने कहा कि आने वाले 1,000 दिन के भीतर छह लाख गांवों में आप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा कर लिया जायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही हमें साइबर सुरक्षा के प्रति भी सचेत रहना होगा। ‘‘हम इन खतरों का सामना करने के लिये कदम उठा रहे हैं। हम नई साइबर सुरक्षा नीति लेकर आयेंगे। इसके लिये रणनीति बनाने पर काम चल रहा है।’’ कोरोना वायरस महामारी की चुनौतियों का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन भी शूरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रतयेक भारतीय को एक स्वास्थ्य पहचान संख्या दी जायेगी जिसमें उसकी स्वास्थ्य से जुड़ी पूरी जानकारी होगी। ‘‘किस डाक्टर से क्या इलाज किया गया, क्या क्या दवा ली, इसकी पूरी जानकारी इसमें समाहित होगी।’’ 

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उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की बदौलत ही यूपीआई भीम के जरिये पिछले एक माह के दौरान तीन लाख करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। यह प्रौद्योगिकी से ही संभव हो सका है कि गरीबों के जनधन खातों में लाखों करोड़ो रुपये सीधे पहुंच गये। कृषि क्षेत्र में भी व्यापक बदलाव किया गया है। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, एक राष्ट्र एक कर, जनधन खाते जैसे तमाम सुधार जिनमें नई प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका है, आज देश की ताकत बन चुके हैं। दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता (आईबीसी) जैसे एक के बाद एक सुधार किये गये।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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