परिधान क्षेत्र में निश्चित अवधि की रोजगार योजना शुरू

श्रम मंत्रालय ने औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) में संशोधन अधिसूचित कर दिया है इससे परिधान विनिर्माण क्षेत्र में निश्चित अवधि के लिये रोजगार उपलब्ध कराने का रास्ता खुल गया है।

श्रम मंत्रालय ने औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) में संशोधन अधिसूचित कर दिया है इससे परिधान विनिर्माण क्षेत्र में निश्चित अवधि के लिये रोजगार उपलब्ध कराने का रास्ता खुल गया है। श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि इस फैसले से परिधान विनिर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को निश्चित अवधि के आधार पर रोजगार सुनिश्चित होगा। इससे निश्चित अवधि के श्रमिकों को भी नियमित कर्मचारियों की तरह ही काम करने की स्थिति, मेहनताना और अन्य लाभ सुनिश्चित हो सकेंगे।

रोजगार की निश्चित अवधि समाप्त होने पर कामगार को कोई नोटिस या भुगतान नहीं किया जाएगा। हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित भारतीय मजदूर संघ समेत अन्य केंद्रीय मजदूर संगठनों ने इसे ‘श्रमिक विरोधी’ कदम बताया है। मंत्रालय ने कहा है कि सात अक्तूबर को जारी अधिसूचना के तहत औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) कानून के तहत परिधान विनिर्माण क्षेत्र में निश्चित अवधि के लिये रोजगार की शुरुआत की गई है। इसके फायदे बताते हुये कहा गया है कि निश्चित अवधि के रोजगार में कामकाज के घंटे, वेतन, भत्ते और अन्य सांविधिक प्राप्तियां स्थायी कर्मचारियों के समान ही होंगी। स्थायी कर्मचारी को जो भी सांविधिक लाभ प्राप्त होते हैं वह सभी लाभ सेवा अवधि के अनुपात में एक निश्चित समय के लिये रोजगार करने वालों को भी प्राप्त होंगे।

सरकार ने इस साल जून में कपड़ा क्षेत्र के लिये 6,000 करोड़ रुपये का जो पैकेज घोषित किया था, उसमें एक उपाय यह भी किया गया था। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के सचिव डीएल सचदेव ने कहा कि ट्रेड यूनियनों ने इन संशोधनों का तब भी विरोध किया था जब इन्हें सार्वजनिक परिचर्चा के लिये जारी किया गया था।

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