लौह अयस्क उत्पादन सालाना बढ़ाकर एक करोड़ टन करने का लक्ष्य, कुमारस्वामी खदान में 900 करोड़ रुपये का निवेश करेगी एनएमडीसी लि.

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कंपनी के सूत्रों ने बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के तहत विशेषज्ञ आकलन समिति (ईएसी) ने अपनी 9-11 नवंबर के दौरान हुई बैठक में पर्यावरणीय मंजूरी के लिए हरी झंडी दे दी। इससे एनएमडीसी उत्पादन बढ़ा पाएगी। यह मंजूरी 2042 तक के लिए वैध है

एनएमडीसी लि. अपनी कर्नाटक की कुमारस्वामी खदान से लौह अयस्क उत्पादन सालाना 70 लाख टन से बढ़ाकर एक करोड़ टन करने के लिए अगले दो से तीन साल में 900 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी के सूत्रों ने बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के तहत विशेषज्ञ आकलन समिति (ईएसी) ने अपनी 9-11 नवंबर के दौरान हुई बैठक में पर्यावरणीय मंजूरी के लिए हरी झंडी दे दी। इससे एनएमडीसी उत्पादन बढ़ा पाएगी। यह मंजूरी 2042 तक के लिए वैध है।

अगस्त में उच्चतम न्यायालय ने बल्लारी जिले के लिए लौह अयस्क के खनन की सीमा को 2.8 करोड़ टन से बढ़ाकर 3.5 करोड़ टन किया था। इसके अलावा चित्रदुर्ग और तुमकुर जिले के लिए इस सीमा को 70 लाख टन से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ टन किया गया था। कुमारस्वामी खदान बल्लारी जिले में स्थित है। सूत्रों ने पीटीआई-से कहा कि एनएमडीसी के पास 70 लाख टन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी पहले से है। वह 70 लाख टन का उत्पादन कर रही है।

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भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) ने 10 नवंबर को एनएमडीसी को उत्पादन को 70 लाख टन से बढ़ाकर एक करोड़ टन सालाना करने का सुझाव दिया था। सूत्रों ने कहा कि इसके लिए अगले दो से तीन साल में 898 करोड़ रुपये का खर्च करने की जरूरत होगी। कुमारस्वामी लौह अयस्क खदान परियोजना स्थल के लिए जन सुनवाई 22 मार्च को हुई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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