LIC क्या बन जाएगी प्राइवेट? 6.5% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में सरकार, 2022 में IPO के जरिए 3.5% शेयर बेचे थे

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अभिनय आकाश । Jul 11 2025 4:20PM

बाजार नियामक ने भारत सरकार, जो कंपनी की प्रवर्तक है, के अनुरोध पर एलआईसी को छूट दी है। सेबी ने एलआईसी को 10% सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने के लिए मई 2027 तक का समय दिया है। इसका मतलब है कि बाजार नियामक के मानदंडों को पूरा करने के लिए सरकार को अगले दो वर्षों में एलआईसी में अपनी कम से कम 6.5% हिस्सेदारी बेचनी होगी। मौजूदा बाजार मूल्यांकन के हिसाब से एलआईसी में 1% हिस्सेदारी बेचने से सरकार को लगभग 6,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।

लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी) में अपनी हिस्सेदारी और कम करने पर काम कर रही है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने ऑफर फॉर सेल (OFS) रूट के जरिए एलआईसी में और शेयर बेचने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस बारे में बातचीत अभी शुरुआती दौर में है। इस डील की बारीक डिटेल्स पर विनिवेश विभाग काम करेगा। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने बताया कि जून 2025 में उसके इंडिविजुअल प्रीमियम कलेक्शन में सालाना आधार पर (YoY) 14.60 फीसदी का इजाफा हुआ है। फिलहाल, सरकार की एलआईसी में 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है। सरकार ने मई 2022 में IPO के जरिए 3.5 परसेंट हिस्सेदारी बेची थी। ये शेयर 902 से 949 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर बेचे गए थे। इससे सरकार को करीब 21,000 करोड़ रुपये मिले थे। एक सूत्र ने बताया कि ये विनिवेश विभाग पर निर्भर करता है कि वो मार्केट की हालत देखकर शेयर बेचने का फैसला कब पूरा करता है। सरकार को इसएलआईसी में अपनी हिस्सेदारी 6.5 परसेंट और कम करनी है। ऐसा इसलिए जरूरी है ताकि वो 16 मई 2027 तक कम से कम 10 परसेंट पब्लिक शेयरहोल्डिंग का नियम पूरा कर सके। 

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बाजार नियामक ने भारत सरकार, जो कंपनी की प्रवर्तक है, के अनुरोध पर एलआईसी को छूट दी है। सेबी ने एलआईसी को 10% सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने के लिए मई 2027 तक का समय दिया है। इसका मतलब है कि बाजार नियामक के मानदंडों को पूरा करने के लिए सरकार को अगले दो वर्षों में एलआईसी में अपनी कम से कम 6.5% हिस्सेदारी बेचनी होगी। मौजूदा बाजार मूल्यांकन के हिसाब से एलआईसी में 1% हिस्सेदारी बेचने से सरकार को लगभग 6,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। 

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सूत्रों के अनुसार, आवश्यक 6.5% हिस्सेदारी की बिक्री चरणों में होने की संभावना है। निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम), जो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में इक्विटी के विनिवेश सहित इक्विटी में केंद्र सरकार के निवेश से संबंधित सभी मामलों को देखता है, बाजार की स्थितियों के आधार पर एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा और समय पर निर्णय ले सकता है।

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