असम में बोले PM Modi, ब्रह्मपुत्र की तरह डबल इंजन वाली सरकार के नेतृत्व में निर्बाध रूप से बह रही विकास की धारा

PM Modi
ANI
अंकित सिंह । Dec 20 2025 5:19PM

एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक, विश्व स्तरीय हवाई अड्डे की सुविधाएं किसी भी राज्य के लिए नई संभावनाएं और अवसर खोलती हैं और ये राज्य के बढ़ते आत्मविश्वास और जनता के भरोसे के स्तंभ बनती हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां लोकप्रिय गोपीनाथ बरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया और कहा कि जिस प्रकार असम में ब्रह्मपुत्र नदी निरंतर बहती है, उसी प्रकार भाजपा की दो इंजन वाली सरकार के नेतृत्व में राज्य में विकास की धारा निर्बाध रूप से बह रही है। एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक, विश्व स्तरीय हवाई अड्डे की सुविधाएं किसी भी राज्य के लिए नई संभावनाएं और अवसर खोलती हैं और ये राज्य के बढ़ते आत्मविश्वास और जनता के भरोसे के स्तंभ बनती हैं।

इसे भी पढ़ें: पूर्वोत्तर बनेगा एविएशन हब! PM मोदी ने किया सबसे बड़े एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन

मोदी ने ने कहा कि आज विकास का उत्सव है। और यह केवल असम का नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर के विकास का उत्सव है... पूरा देश देखेगा कि असम विकास का उत्सव मना रहा है। उन्होंने आगे कहा कि असम की मिट्टी से मेरा लगाव, यहां की जनता का प्यार और स्नेह, और विशेष रूप से असम और पूर्वोत्तर की माताओं और बहनों का प्यार मुझे निरंतर प्रेरित करता है, जिससे पूर्वोत्तर के विकास के प्रति हमारा संकल्प और मजबूत होता है। आज असम के विकास में एक नया अध्याय जुड़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नए हवाई अड्डे के टर्मिनल में कदम रखते ही विकास और विरासत के मंत्र का सही अर्थ स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे को असम की प्रकृति और संस्कृति को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है और यह हरियाली से भरपूर है, इसलिए यहां आने वाले प्रत्येक यात्री को शांति और सुकून का अनुभव होगा। उन्होंने कहा कि आज एक बार फिर असम के विकास में एक नया अध्याय जुड़ रहा है... जिस प्रकार असम में ब्रह्मपुत्र नदी निरंतर बहती है, उसी प्रकार भाजपा की दोहरी इंजन सरकार के नेतृत्व में विकास की धारा यहां निर्बाध रूप से बह रही है।

इसे भी पढ़ें: बंगाल में PM मोदी ने वंदे मातरम को कहा 'राष्ट्रीय जागरण मंत्र', विवाद के बीच दिया बड़ा संदेश

प्रधानमंत्री ने बांस को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 2014 से पहले हमारे देश में एक कानून था जिसके तहत बांस को काटना प्रतिबंधित था क्योंकि इसे वृक्ष माना जाता था। जबकि विश्व बांस को एक पौधा मानता है। हमने उस कानून को हटाकर बांस को घास की श्रेणी में रखकर उसे उसका उचित सम्मान दिलाया।"

All the updates here:

अन्य न्यूज़